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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 18 अगस्त, 2020

  • 18 Aug 2020
  • 12 min read

जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल- ‘स्वास्थ्य’

Tribal Health & Nutrition Portal- ‘Swasthya’

17 अगस्त, 2020 को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने कई पहलों की घोषणा की। जिनमें जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ (Swasthya) और स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूज़लेटर ‘आलेख’ (ALEKH), राष्‍ट्रीय प्रवासी पोर्टल (National Overseas Portal) और राष्‍ट्रीय जनजातीय फेलोशिप पोर्टल (National Tribal Fellowship Portal) शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • ‘स्वास्‍थ्‍य’ नामक ई-पोर्टल पहला ऐसा ई-पोर्टल है जो एक ही प्लेटफॉर्म पर भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्‍थ्‍य एवं पोषण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराता है।
  • ‘स्वास्‍थ्‍य’ नामक ई-पोर्टल विशेषज्ञता एवं अनुभवों के आदान प्रदान की सुविधा के लिये भारत में विभिन्न हिस्सों से एकत्र की गई नवाचारी प्रक्रियाओं, शोध रिपोर्टों, अध्‍ययनों, श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को साझा करेगा।
  • भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने स्‍वास्‍थ्‍य एवं पोषण के लिये ज्ञान प्रबंधन हेतु उत्‍कृष्‍टता केंद्र के रूप में पीरामल स्वास्थ्य (Piramal Swasthya) को मान्‍यता दी है।
    • यह केंद्र लगातार जनजातीय कार्य मंत्रालय से जुड़ा रहेगा और भारत की जनजातीय आबादी के स्‍वास्‍थ्‍य एवं पोषण से संबंधित साक्ष्‍य आधारित नीति एवं निर्णय लेने के लिये इनपुट उपलब्‍ध कराएगा।

गोइंग ऑनलाइन एज़ लीडर्स कार्यक्रम [Going Online as Leaders (GOAL) Programme]:

  • यह कार्यक्रम भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत फेसबुक के साथ भागीदारी में चलाया जाएगा।
  • GOAL कार्यक्रम के माध्‍यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय का उद्देश्‍य देश के 5000 जनजातीय युवाओं को सलाह देना और उन्‍हें अपने समुदाय के लिये ग्राम स्‍तर के डिजिटल युवा नेता बनने में मदद करना है।

आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0

Partial Credit Guarantee Scheme 2.0

17 अगस्त, 2020 को भारत सरकार ने 45000 करोड़ रुपए की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0 (Partial Credit Guarantee Scheme 2.0) की वैधता को 3 महीने बढ़ाकर 19 नवंबर, 2020 तक कर दिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • भारत सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य छोटे ऋणदाताओं के लिये तरलता में सुधार करना और इस योजना के तहत AA/AA- इनवेस्टमेंट सब-पोर्टफोलियो को 11250 करोड़ रुपए तक बढ़ाने के लिये राज्य द्वारा संचालित बैंकों को सक्षम बनाना है।
  • भारत सरकार द्वारा घोषित ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के एक हिस्से के रूप में आंशिक ऋण गारंटी योजना (PCGS) 2.0 का शुभारंभ 20 मई, 2020 को किया गया था जिसका उद्देश्‍य ‘गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों’ (Non-Banking Finance Companies- NBFCs), हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (Housing Finance Companies- HFCs), माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI) द्वारा जारी किये गए ‘AA’ और उससे कम रेटिंग वाले बॉन्‍डों या कामर्शियल पेपरों (CP) को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा खरीदे जाने पर पोर्टफोलियो गारंटी प्रदान करना था।
    • ‘PCGS 2.0’ के तहत 45000 करोड़ रुपए के बॉन्ड/CP खरीदे जाने की परिकल्पना की गई थी जिसके तहत ‘AA/AA-’ रेटिंग वाले बॉन्डों/CP को कुल पोर्टफोलियो का अधिकतम 25% तक यानि 11250 करोड़ रुपए तक ही खरीदे जाने की अनुमति थी।
  • इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने NBFC/HFC द्वारा जारी कमर्शियल पेपरों (सीपी) और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (Non-Convertible Debentures- NCD) की खरीद के लिये अलग से ‘विशेष तरलता योजना’ (Special Liquidity Scheme- SLS)’ की घोषणा की थी। जिनकी शेष बची परिपक्वता अवधि 3 माह तक होनी चाहिये थी तथा जिसे 3 माह तक की अवधि के लिये और बढ़ाया जा सकता था। इसके तहत अधिकतम 30,000 करोड़ रुपए तक की खरीद की जा सकती थी जिसमें ज़रूरत के अनुसार आवश्यक राशि की वृद्धि की जा सकती थी।
  • ‘PCGS 2.0’ के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 28 निकायों द्वारा जारी किये गए ‘AA/AA-’ रेटिंग वाले बॉन्डों/सीपी और 62 निकायों द्वारा जारी किये गए ‘AA’ से कम रेटिंग वाले बॉन्डों/सीपी की खरीद को मंज़ूरी दी है जिनका कुल मूल्‍य 21262 करोड़ रुपए है।
  • भारत सरकार ने अब बॉन्डों/सीपी की खरीद के लिये PCGS 2.0 को निम्नानुसार संशोधित करने का निर्णय लिया है:
    • पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिये 3 माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। 19 नवंबर, 2020 तक पोर्टफोलियो को वि‍तरित की गई वास्तविक राशि के आधार पर निश्चित स्‍वरूप दिया जाएगा ताकि गारंटी को प्रभावी किया जा सके।
    • पोर्टफोलियो स्तर पर PCGS 2.0 के तहत AA/AA- निवेश सब-पोर्टफोलियो को PCGS 2.0 के तहत PSB द्वारा खरीदे गए बॉन्डों/सीपी के कुल पोर्टफोलियो के 50% (पूर्व निर्धारित 25% के बजाय) से अधिक नहीं होना चाहिये।

डेथ वैली

Death Valley

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा (US National Weather Service) ने बताया कि दक्षिणी कैलिफोर्निया रेगिस्तान में डेथ वैली (Death Valley) के फर्नेस क्रीक (Furnace Creek) में तापमान 54.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया।

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प्रमुख बिंदु:

  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) के अनुसार, डेथ वैली के ग्रीनलैंड रैंच (Greenland Ranch) में 10 जुलाई, 1913 को 56.7°C तापमान दर्ज किया गया था।
    • विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, यह अभी भी पृथ्वी की सतह पर दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान है।

डेथ वैली (Death Valley):

  • उत्तरी अमेरिका में डेथ वैली उत्तरी मोजावे रेगिस्तान (Northern Mojave Desert) के पूर्वी कैलिफोर्निया में एक रेगिस्तानी घाटी है।
  • यह मध्य पूर्व और सहारा रेगिस्तान की तरह पृथ्वी पर सबसे गर्म स्थानों में से एक है।
  • डेथ वैली (मृतक घाटी) को शैतान का गोल्फ कोर्स (Devil’s Golf Course) के नाम से भी जाना जाता है।
  • डेथ वैली रिफ्ट घाटी का एक उदाहरण है। रिफ्ट घाटी का विकास तब होता है, जब दो भ्रंश रेखाओं के बीच का चट्टानी भाग या स्तंभ नीचे की ओर धंस जाता है।
  • डेथ वैली (मृतक घाटी) की तली में नमक का एक बड़ा ढेर अवस्थित है, होलोसीन युग में यहाँ 30 फीट गहरा जलाशय था किंतु कालांतर में इसके सूखने से पानी में घुला नमक इसकी तली में अवशेष के रूप में मौजूद है।

ग्रीन कॉरिडोर

Green Corridor

COVID-19 के मद्देनज़र यातायात प्रतिबंध एवं हवाई उड़ानों की अनुपलब्धता के बीच पुणे के एक निजी अस्पताल में ब्रेन-डेड घोषित 39 वर्षीय एक महिला का दिल एयर एंबुलेंस के जरिए चेन्नई लाया गया।

  • गौरतलब है कि एम्बुलेंस की बाधा रहित आवाजाही के लिये पुलिस ने ‘ग्रीन कॉरिडोर’ (Green Corridor) बनाया है।

प्रमुख बिंदु:

  • पुणे एवं चेन्नई दोनों शहरों के पुलिस विभाग ने ‘ग्रीन कॉरिडोर’ का निर्माण किया और हवाई अड्डों एवं अस्पतालों के बीच बिना किसी देरी के एम्बुलेंस के लिये सड़कों को अवरोध रहित किया।
  • एमजीएम हेल्थकेयर (MGM Healthcare) के अनुसार, चेन्नई का प्राप्तकर्ता अंत-चरण हृदय की विफलता से पीड़ित था और दिल का प्रत्यारोपण ही उसके जीवित रहने की एकमात्र आशा थी।
  • 15 अगस्त, 2020 को एमजीएम हेल्थकेयर को पुणे के एक निजी अस्पताल में संभावित दाता के बारे में सूचना मिली।
  • दिल प्राप्तकर्ता पहले से ही ‘नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइज़ेशन’ (National Organ and Tissue Transplant Organisation- NOTTO) के साथ पंजीकृत है।

नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइज़ेशन (National Organ and Tissue Transplant Organisation- NOTTO):

  • NOTTO भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तहत स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है।
  • इसके दो विभाग हैं।
    • नेशनल ह्यूमन ऑर्गन एंड टिश्यू रिमूवल एंड स्टोरेज नेटवर्क (National Human Organ and Tissue Removal and Storage Network)
    • राष्ट्रीय बायोमेट्रिक केंद्र (National Biomaterial Centre)
  • भारत में अंग दान को मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 (Transplantation of Human Organs and Tissues Act, 1994) द्वारा विनियमित किया जाता है।
    • यह अधिनियम मृतक एवं जीवित दाताओं दोनों को अपने अंगों को दान करने की अनुमति देता है।
    • यह मस्तिष्क की मृत्यु (ब्रेन डेड) को मृत्यु के एक रूप के रूप में भी पहचानता है।
  • NOTTO देश में मानव अंगों का रखरखाव, आवंटन एवं वितरण से संबंधित गतिविधियों के लिये शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है।
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