लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 05 जनवरी, 2021

  • 05 Jan 2021
  • 3 min read

इंडियन पैंगोलिन

Indian Pangolin

हाल ही में ओडिशा वन विभाग ने पैंगोलिन (Pangolin) के अवैध शिकार और व्यापार की जाँच के लिये सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मों की सख्त निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया है।

Indian-Pangolin

पैंगोलिन के संबंध में:

  • पैंगोलिन की आठ प्रजातियों में से इंडियन पैंगोलिन और चीनी पैंगोलिन भारत में पाए जाते हैं।
  • इंडियन पैंगोलिन एक बड़ा चींटीखोर (Anteater) है जिसकी पीठ पर शल्कनुमा संरचना की 11-13 तक पंक्तियाँ होती हैं।
  • इंडियन पैंगोलिन की पूँछ के निचले हिस्से में एक टर्मिनल स्केल मौजूद होता है जो चीनी पैंगोलिन में नहीं मिलता है।
  • आहार:
    • कीटभक्षी-पैंगोलिन निशाचर होते हैं, और इनका आहार मुख्य रूप से चीटियाँ और दीमक होते हैं, जिन्हें वे अपनी लंबी जीभ का उपयोग कर पकड़ लेते हैं।
  • आवास:
    • इंडियन पैंगोलिन व्यापक रूप से शुष्क क्षेत्रों, उच्च हिमालय एवं पूर्वोत्तर को छोड़कर शेष भारत में पाया जाता है। यह प्रजाति बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका में भी पाई जाती है।
    • चीनी पैंगोलिन पूर्वी नेपाल में हिमालय की तलहटी क्षेत्र में, भूटान, उत्तरी भारत, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश और दक्षिणी चीन में पाया जाता है।
  • भारत में पैंगोलिन को खतरा:
    • पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, खासकर चीन एवं वियतनाम में इसके मांस का व्यापार तथा स्थानीय उपभोग (जैसे कि प्रोटीन स्रोत और पारंपरिक दवा के रूप में) हेतु अवैध शिकार इसके विलुप्त होने के प्रमुख कारण हैं।
    • ऐसा माना जाता है कि ये विश्व के ऐसे स्तनपायी हैं जिनका बड़ी मात्रा में अवैध व्यापार किया जाता है।
  • संरक्षण की स्थिति:
    • इंडियन पैंगोलिन को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की लाल सूची में संकटग्रस्त (Endangered), जबकि चीनी पैंगोलिन को गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।
    • इन दोनों प्रजातियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के भाग-I की अनुसूची-I के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
    • CITES: पारीशिष्ट-1।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2