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पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक

  • 08 Jun 2022
  • 4 min read

हाल ही में जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक-2022 में भारत 180 देशों में सबसे अंतिम स्थान पर है।

पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक:

  • परिचय:
    • पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक एक अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग प्रणाली है जो पर्यावरणीय स्थिति और देशों की स्थिरता को मापता है।
    • पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक को एक द्विवार्षिक सूचकांक के रूप में वर्ष 2002 में ‘येल सेंटर फॉर एन्वायरमेंटल लॉ एंड पॉलिसी’ और ‘कोलंबिया यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क’ के सहयोग से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा पर्यावरण स्थिरता सूचकांक के रूप में शुरू किया गया था।
  • ढाँचा:
    • वर्ष 2022 का EPI 40 प्रदर्शन संकेतकों को 11 निर्गम श्रेणियों में बांँटा गया है।
    • इसके प्रकाशन की श्रेणियों के वितरण में 3 नीतिगत उद्देश्यों के अंतर्गत एकत्रित किया गया है:
      • पर्यावरण स्वास्थ्य
      • पारिस्थितिकी तंत्र जीवन शक्ति
      • जलवायु परिवर्तन
    • ये संकेतक राष्ट्रीय स्तर पर एक अनुमान प्रदान करते हैं कि कितने अभिन्न देश पर्यावरण नीति लक्ष्य स्थापित कर रहे हैं।
    • EPI टीम पर्यावरणीय डेटा को ऐसे संकेतकों में बदल देती है जो देशों का मूल्यांकन 0-100 (सबसे निम्न से सर्वश्रेष्ठ) के पैमाने पर करते हैं।

प्रमुख निष्कर्ष:

  • वर्ष 2022 की रैंकिंग में डेनमार्क शीर्ष पर है, यह एक ऐसी उपलब्धि है जो स्वच्छ ऊर्जा भविष्य और संवहनीय कृषि को बढ़ावा देने के प्रयासों में उल्लेखनीय नेतृत्व के साथ-साथ उन सभी मुद्दों पर मज़बूत प्रदर्शन को दर्शाती है जिन्हें EPI द्वारा ट्रैक किया जाता है।
  • यूनाइटेड किंगडम और फिनलैंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं, दोनों ने हाल के वर्षों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिये उच्च स्कोर अर्जित किया है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक पश्चिम में 22 समृद्ध/संपन्न लोकतंत्रों में 20वें और समग्र रूप से 43वें स्थान पर है।
  • 18.9 के स्कोर के साथ भारत की 180वीं रैंकिंग पाकिस्तान, बांग्लादेश, वियतनाम और म्याँमार के बाद आती है।
    • EPI के अनुसार, भारत ने विधि के शासन, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और सरकारी प्रभावशीलता के मानक पर भी कम स्कोर किया है।
    • EPI-2020 में भारत 27.6 के स्कोर के साथ 168वें स्थान पर था।
  • EPI-2020 में, डेनमार्क को पहले पर्यावरणीय स्वास्थ्य और स्थिरता का स्थान दिया गया है।
  • EPI का महत्व:
    • EPI निर्णय लेने वालों को शीर्ष स्तरीय प्रदर्शन के चालकों को पहचानने में सक्षम बनाता है
    • EPI डेटा का विश्लेषण दर्शाता है कि किसी देश की स्थिरता को बढ़ाने के लिये वित्तीय संसाधन, सुशासन, मानव विकास और नियामक गुणवत्ता मायने रखती है।
    • इन संबंधों पर प्रकाश डालते हुए EPI पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और न्यायसंगत भविष्य के समर्थन में सतत् विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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