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वेज बैंक

  • 14 May 2025
  • 2 min read

स्रोत: TH

कन्याकुमारी के मछुआरे केंद्र सरकार द्वारा हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (HELP) के तहत वेज बैंक में प्रस्तावित हाइड्रोकार्बन अन्वेषण परियोजना का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनकी आजीविका और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील समुद्री क्षेत्र को नुकसान पहुँचेगा।

वेज बैंक

  • वेज बैंक (Wadge Bank) हिंद महासागर में एक अंत:समुद्री पठार है, जो कन्याकुमारी (केप कोमोरिन) से 80 किमी दूर भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में स्थित है।
    • एक बैंक महाद्वीपीय मग्नतट पर एक छिछला उभार होता है, जो आमतौर पर 200 मीटर से कम गहरा होता है, जिसका निर्माण महाद्वीपीय उत्पत्ति के दौरान होता है।
  • यह अपनी समृद्ध समुद्री जैव विविधता और प्रचुर मत्स्य संसाधनों के लिये जाना जाता है। 
  • वर्ष 1976 के भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा समझौते के तहत भारत को वेज बैंक पर संप्रभु अधिकार प्राप्त हैं, जिसमें पेट्रोलियम और खनिजों की खोज का अधिकार शामिल है, जबकि श्रीलंकाई मछुआरों को इस क्षेत्र में मत्स्य संग्रहण से प्रतिबंधित किया गया है।
  • यह विश्व के सबसे समृद्ध मत्स्य क्षेत्रों में से एक है, जहाँ उच्च जैविक उत्पादकता पाई जाती है तथा यह मछलियों के लिये एक प्रमुख भोजन एवं प्रजनन स्थल है।
  • वेज बैंक में मुख्य मत्स्य संग्रहण का मौसम जुलाई से अक्तूबर तक होता है, जब मौसमी अपवेलिंग (समुद्री जल का ऊपर उठना) के कारण पोषक तत्त्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है।

हाइड्रोकार्बन

  • हाइड्रोकार्बन कार्बनिक यौगिक (कार्बन और हाइड्रोजन से बने) हैं जो कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस  जैसे जीवाश्म ईंधनों का आधार बनते हैं।

Wadge_Bank HELP

और पढ़ें: हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और निष्कर्षण 

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