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A980 तारे की विशिष्ट रासायनिक संरचना

  • 23 Jun 2025
  • 4 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

बेंगलुरु स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ हीलियम-समृद्ध तारे (A980) की पहचान की है, जिसमें एक असामान्य रासायनिक संरचना पाई गई है। यह खोज तारकीय विकास और नाभिकीय संश्लेषण के विद्यमान मॉडलों को चुनौती देती है।

A980 तारे से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: A980 एक ठंडा अत्यधिक हीलियम (EHe) तारा है, जो विकसित हो चुके तारों की एक दुर्लभ श्रेणी में आता है। ये तारे लगभग पूरी तरह हीलियम से बने होते हैं और इनमें हाइड्रोजन बहुत कम या नहीं के बराबर होती है। ऐसे तारों का निर्माण आमतौर पर एक हीलियम-समृद्ध और एक कार्बन-ऑक्सीजन युक्त श्वेत वामन (white dwarf) के विलय से होता है।
    • A980 ओफियुकस नक्षत्र में स्थित है, जो पृथ्वी से लगभग 25,800 प्रकाश-वर्ष दूर है। 
    • इसमें पहली बार एक EHe तारे में एकल-आयनित जर्मेनियम (Ge II) का पता चला है, जहाँ सूर्य की तुलना में जर्मेनियम का स्तर आठ गुना अधिक है।
  • स्टेलर मॉडल एवं तारा A980: स्टेलर (तारकीय) मॉडल यह समझाते हैं कि तारे कैसे निर्मित होते हैं, विकसित होते हैं और तत्त्वों का निर्माण करते हैं। इनके अनुसार, जर्मेनियम जैसे भारी तत्त्व सुपरनोवा या AGB तारों में बनते हैं, न कि एक्स्ट्रीम हीलियम (EHe) तारों में।
  • हालाँकि, तारा A980, जो एक EHe तारा है, में असामान्य रूप से उच्च जर्मेनियम स्तर दिखाई देता है, जो इन मॉडलों को चुनौती देता है। 
  • यह संकेत देता है कि तत्त्वों का निर्माण शायद श्वेत वामन (व्हाइट ड्वार्फ) के विलय के दौरान होता है, एक ऐसी प्रक्रिया जिसे वर्तमान सिद्धांतों में पूरी तरह से समझा नहीं गया है। इससे तारकीय विकास के मॉडल्स में संशोधन की आवश्यकता स्पष्ट होती है।

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) 

  • भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतर्गत एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है, जो खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी तथा संबंधित भौतिक एवं इंजीनियरिंग विज्ञानों के क्षेत्र में कार्यरत है।
  • इसकी स्थापना 1786 में मद्रास वेधशाला के रूप में हुई थी, जिसे 1899 में कोडाइकनाल स्थानांतरित कर दिया गया। 1971 में इसका नाम बदलकर IIA किया गया और 1975 में इसका मुख्यालय बेंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया।

तारकीय न्यूक्लियोसिंथेसिस क्या है?

पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये: तारकीय न्यूक्लियोसिंथेसिस

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

  1. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाश वर्ष दूर विशालकाय 'ब्लैकहोल' के विलय का प्रेक्षण किया। इस प्रेक्षण का क्या महत्त्व है? (2019)

(a) 'हिग्स बोसॉन कणों' का अभिज्ञान हुआ। 

(b) 'गुरुत्वीय तरंगों' का अभिज्ञान हुआ। 

(c) 'वार्महोल' से होते हुए अंतरा-मंदाकिनीय अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि हुई। 

(d) इसने वैज्ञानिकों को 'विलक्षणता (सिंगुलैरिटि)' को समझना सुकर बनाया।

उत्तर: (b)

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