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यूक्रेन का कखोवका बाँध

  • 07 Jun 2023
  • 5 min read

कखोवका बाँध दक्षिणी यूक्रेन में नीपर नदी पर बना एक प्रमुख जल विद्युत संयंत्र और विशाल जलाशय है। यह 6 जून, 2023 को एक विस्फोट में नष्ट हो गया जिससे युद्धग्रस्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बाढ़ और मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। 

  • यूक्रेन और रूस ने इस हमले के लिये एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराया है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। 

कखोवका बाँध के विषय में मुख्य तथ्य:

  • परिचय: 
    • कखोवका बाँध वर्ष 1956 में सिंचाई, विद्युत उत्पादन और नौपरिवहन के लिये निप्रो नदी का उपयोग करने के लिये सोवियत संघ की महत्त्वाकांक्षी परियोजना के हिस्से के रूप में बनाया गया था।
    • यह बाँध 30 मीटर ऊँचा और 3.2 किलोमीटर लंबा था जिससे एक ऐसे जलाशय का निर्माण हुआ जो 2,155 वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत था और इसकी जलधारण क्षमता 18 क्यूबिक किलोमीटर है
    • इस बाँध की सहायता से क्रीमिया प्रायद्वीप को भी जल की आपूर्ति की गई थी जिस पर रूस ने वर्ष 2014 में कब्ज़ा कर लिया था और इसी बाँध से ज़ापोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र को अभी आवश्यक जल की आपूर्ति भी की जाती थी, जो कि रूसी नियंत्रण में है।
    • यह बाँध दक्षिणी यूक्रेन में यूक्रेनी और रूसी सैन्य बलों के सीमा क्षेत्र पर स्थित था जहाँ वर्ष 2014 से लड़ाई चल रही है।                          

  • वर्तमान मुद्दा: 
    • हाल ही में कखोवका जलविद्युत ऊर्जा संयंत्र के अंदर एक विस्फोट हुआ जिससे बाँध में दरार आ गई और भारी मात्रा में जल निचले क्षेत्रों की ओर प्रवाहित हो गया।
    • बाढ़ के जल ने नदी के दोनों किनारों पर स्थित दर्ज़नों कस्बों और गाँवों को क्षति पहुँचाई, हज़ारों लोगों को विस्थापित कर दिया तथा बुनियादी ढाँचे, फसलों एवं पशुओं को नुकसान पहुँचाया। 
    • खेरसॉन शहर के पास काला सागर की निप्रोवस्का खाड़ी में भी जल स्तर बढ़ गया, जिससे तटीय क्षेत्रों में अपरदन और लवणता का खतरा उत्पन्न हो गया।
    • इस विस्फोट ने लाखों लोगों की विद्युत आपूर्ति बाधित कर दी, साथ ही क्रीमिया एवं ज़ापोरिज़िया की जल आपूर्ति बाधित कर दी।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रभाव: 
    • बाँध के ढहने से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में एक अप्रत्याशित घटक जुड़ गया है।
    • रूसी-नियंत्रित और यूक्रेनी-अधिकृत भूमि दोनों के खतरे में होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि बाँध के विनाश से दोनों पक्षों को लाभ होगा या नहीं।
      • हालाँकि इसके कारण दक्षिण में यूक्रेन की जवाबी योजनाएँ बाधित हो सकती हैं और सरकार का ध्यान हटा सकती हैं।
  • परिणाम और तत्काल चुनौतियाँ:
    • पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव:
      • बाँध के ढहने से आई बाढ़ के कारण घर, सड़कें जलमग्न हो गईं हैं।
      • आपातकालीन कर्मचारियों द्वारा जल की निकासी की जा रही है, साथ ही इसके कारण ज़ापोरिज़िया (Zaporizhzhya) परमाणु ऊर्जा संयंत्र में शीतलन प्रणाली और क्रीमिया को पानी की आपूर्ति संबंधी चिंताएँ उत्पन्न हो गई हैं।
    • निकासी के प्रयास:
      • रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों में लगभग 22,000 लोग और यूक्रेनी-अधिकृत महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में 16,000 लोग जोखिम में हैं।
      • रूसी और यूक्रेनी अधिकारी निवासियों की निकासी की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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