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अमेरिका प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम

  • 27 Jan 2022
  • 6 min read

संयुक्त राज्य अमेरिका ने महत्त्वाकांक्षी अमेरिका क्रिएटिंग अपॉर्चुनिटीज़ फॉर मैन्युफैक्चरिंग, प्री-एमिनेंस इन टेक्नोलॉजी एवं इकोनॉमिक स्ट्रेंथ (COMPETES) एक्ट, 2022 का अनावरण किया है जो एक नए स्टार्ट-अप वीज़ा के साथ दुनिया भर के प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिये नए रास्ते खोलने का प्रस्ताव करता है। .

  • इसका उद्देश्य आपूर्ति शृंखलाओं को मज़बूत बनाना और आने वाले दशकों में चीन तथा बाकी दुनिया को पछाड़ने हेतु देश की अर्थव्यवस्था के नवाचार को फिर से मज़बूत करना है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रावधान:
    • यूएस में सेमीकंडक्टर उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये 52 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अन्य कार्यक्रमों के बीच आपूर्ति शृंखला में लचीलापन, विनिर्माण में सुधार के लिये अनुदान तथा ऋण हेतु 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रवधान है।
    • सामाजिक एवं आर्थिक असमानता, जलवायु परिवर्तन और आप्रवासन को संबोधित करने हेतु वित्तपोषण। उदाहरण के लिये यह एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग या गणित) पीएचडी के लिये ग्रीन कार्ड सीमा से छूट प्रदान करता है तथा उद्यमियों के लिये एक नया ग्रीन कार्ड बनाता है।
      • ग्रीन कार्ड धारक (स्थायी निवासी) वह व्यक्ति होता है जिसे स्थायी आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने और कार्य करने का अधिकार दिया गया है।
    • यह विधेयक/बिल चीन के शिनजियांग में निर्मित सौर घटकों पर संयुक्त राज्य अमेरिका की निर्भरता को कम करने हेतु विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण के लिये प्रतिवर्ष 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर जारी करता है।
    • यह किसी स्टार्ट-अप इकाई में एक स्वामित्व हित वाले उद्यमियों, एक स्टार्ट-अप इकाई के आवश्यक कर्मचारियों और उनके जीवनसाथी और बच्चों के लिये गैर-आप्रवासियों की एक नई श्रेणी- ‘W’ बनाता है।
  • महत्त्व:
    • इसका अर्थ यह है कि अमेरिका में भारतीय प्रतिभाओं और कुशल कामगारों के लिये अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
    • ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष कई भारतीय और भारतीय कंपनियाँ, उस वर्ष जारी किये गए एच-1बी ‘वर्क परमिट’ का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करती हैं। इस नई श्रेणी के साथ भारतीय पेशेवरों द्वारा उन अवसरों को प्राप्त करने की भी संभावना है, जो अधिनियम द्वारा प्रदान किये जाएंगे।

वर्क वीज़ा:

  • परिचय:
    • भारत जैसे विकासशील देशों में आईटी क्रांति, इंटरनेट और कम लागत वाले कंप्यूटरों के आगमन ने अमेरिका में अपेक्षाकृत कम लागत पर काम करने के इच्छुक लोगों की संख्या को जन्म दिया है जो नियोक्ता और कर्मियों दोनों के लिये एक बेहतरीन स्थिति है। 
    • अमेरिकी प्रशासन आईटी और अन्य संबंधित क्षेत्रों में अत्यधिक कुशल कम लागत वाले कर्मचारियों के रिक्त स्थान भरने हेतु प्रत्येक वर्ष एक निश्चित संख्या में वीज़ा जारी करता है।
    • ये वीज़ा अमेरिका के बाहर की कंपनियों को क्लाइंट साइटों पर काम करने के लिये कर्मचारियों को भेजने की अनुमति देते हैं।
  • वीज़ा के विभिन्न प्रकार:
    • H1-B वीज़ा::
      • संयुक्त राज्य अमेरिका में रोज़गार के इच्छुक लोगों को H1-B वीज़ा प्राप्त करना आवश्यक होता है। H1-B वीज़ा वस्तुतः ‘इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट’ (Immigration and Nationality Act) की धारा 101(a) और 15(h) के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमेरिका में रोज़गार के इच्छुक गैर-अप्रवासी (Non-immigrants) नागरिकों को दिया जाने वाला वीज़ा है। 
      • यह अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेषज्ञतापूर्ण व्यवसायों में अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
    • H2-B वीज़ा: 
      • इस तरह के वीज़ा का आवेदन करने के लिये आवेदन पत्र को श्रम विभाग से प्रमाणित होना चाहिये। यह अस्थायी रोज़गार के लिये जारी किया जाता है। 
    • L-1 वीज़ा: 
      • यह एक गैर-प्रवासी वीज़ा है जिसके तहत कंपनियाँ विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में मौजूद अपनी सहायक कंपनियों या फिर मूल कंपनी में रख सकती हैं।
    • H-4 वीज़ा:
      • H1-B वीज़ा धारकों के आश्रित परिवार के सदस्यों (पति/पत्नी) को एक H-4 वीज़ा जारी किया जाता है जो कि H1-B वीज़ा धारक के साथ उनके प्रवास के दौरान अमेरिका में ही रहना चाहते हैं। H-4 वीज़ा के तहत मुख्य आवेदक H1-B वीज़ा धारक ही होता है। H-4 वीज़ा के लिये परिवार के सदस्य जैसे पति/पत्नी, 21 वर्ष से कम आयु के बच्चे अर्हता प्राप्त हैं और अपने देश के ही अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में आवेदन कर सकते हैं।
    • J-1 वीज़ा: 
      • यह कार्य-अध्ययन से संबंधित ग्रीष्मकालीन कार्यक्रमों पर छात्रों हेतु है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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