दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

पर्यावरणीय चिंताओं के आलोक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरावली जंगल सफारी पर रोक

  • 11 Oct 2025
  • 13 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस (IE) 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा में प्रस्तावित अरावली जंगल सफारी परियोजना पर अस्थायी रूप से रोक लगाई है और कहा कि इस परियोजना से भारत के पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में से एक तथा दिल्ली-NCR के हरित फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 

  • अरावली जंगल सफारी परियोजना: वर्ष 2022 में घोषित इस परियोजना का उद्देश्य गुरुग्राम और नूह के पास विश्व की सबसे बड़ी जंगल सफारी का विकास करना है। 
  • शारजाह सफारी (UAE) और गिर अभयारण्य (गुजरात) से प्रेरित होने के साथ इसमें बड़ी बिल्ली प्रजातियों, पक्षी पार्क, हर्पेटेरियम, अंडरवाटर वर्ल्ड तथा इको-टूरिज़्म ट्रेल्स हेतु क्षेत्र शामिल करने का प्रावधान है। 
  • अरावली रेंज: इसे विश्व की सबसे पुरानी पर्वत शृंखलाओं में से एक माना जाता है। यह गुजरात से दिल्ली (राजस्थान और हरियाणा होते हुए) तक 800 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में विस्तारित है। अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी माउंट आबू (जिसे अर्बुदा भी कहा जाता है) पर स्थित गुरु शिखर है। 
    • इस पर्वत शृंखला से बनास, साहिबी (यमुना की सहायक नदियाँ) और लूनी (जो कच्छ के रण में प्रवाहित होती है) जैसी नदियों का उद्गम होता है। 
    • अरावली पर्वत शृंखला दो भागों में विभाजित है: सांभर-सिरोही शृंखला (जिसमें गुरु शिखर शामिल है) और सांभर-खेतड़ी शृंखला 
    • खनिजों और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यह शृंखला पश्चिमी रेगिस्तान के विरुद्ध अवरोध की भूमिका निभाती है। 
    • इसके दक्षिण में घने जंगल हैं और इस शृंखला का अधिकांश भाग चट्टानी एवं विरल आबादी वाला होने के साथ क्वार्टजाइट एवं रेत से ढका हुआ है। 

और पढ़ें: अरावली के समक्ष गंभीर खतरे 
close
Share Page
images-2
images-2