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प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ

  • 11 Oct 2025
  • 9 min read

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स  

मेटा प्लेटफॉर्म्स ने अपनी मल्टी बिलियन डॉलर की अंडरसी केबल प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ के भारत चरण के लिये लैंडिंग साइट के रूप में मुंबई और विशाखापत्तनम का चयन किया है। 

  • प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ: यह मेटा प्लेटफॉर्म्स की एक सब-सी केबल पहल है जिसका उद्देश्य वैश्विक डेटा कनेक्टिविटी में सुधार लाना है। 
    • यह अमेरिका, भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका को जोड़ेगा, जिससे यह विश्व की सबसे लंबी सब-सी केबल होगी, जिसकी लंबाई 50,000 किलोमीटर से अधिक है। 
  • मार्ग डिज़ाइन: प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ में एक W-आकार का मार्ग है जो लाल सागर कॉरिडोर को बायपास करेगा, जिससे भू-राजनीतिक संघर्षों और केबल में क्षति के जोखिम कम होंगे। 
  • समय-सीमा और क्षमता: 1 पेटाबिट प्रति सेकंड (Pbps) की डिज़ाइन क्षमता के साथ इसके वर्ष 2030 तक क्रियाशील होने की संभावना है। 
  • सामरिक महत्त्व: भारत में चुने गए लैंडिंग साइट वैश्विक AI अवसंरचना में देश की भूमिका को अभिवर्द्धित करते हैं, डेटा स्थानीयकरण में सहायक हैं और भारत के डिजिटल ईकोसिस्टम का सुदृढ़ीकरण करते हैं। 

Project_Waterworth

और पढ़ें: मेटा का प्रोजेक्ट वॉटरवर्थ 
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