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सरोजिनी नायडू- द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया

  • 13 Feb 2023
  • 6 min read

13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती मनाई जाती है। उन्हें भारतीय कोकिला (सरोजिनी नायडू- द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया) के नाम से जाना जाता था।

  • भारत में सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सरोजिनी नायडू:  

  • परिचय:  
    • सरोजिनी नायडू, एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्त्ता, कवि और राजनीतिज्ञ थीं
    • उनका जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद, भारत में हुआ था।
    • वर्ष 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद वह भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गईं।
    • ब्रिटिश सरकार ने भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिये सरोजिनी नायडू को 'कैसर-ए-हिंद' पदक से सम्मानित किया। 
  • भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान: 
    • INC की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष: सरोजिनी नायडू को वर्ष 1925 (कानपुर सत्र) में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस (INC) की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और वर्ष 1928 तक वे इस पद पर बनी रहीं।
      • एनी बेसेंट काॅन्ग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं जिन्होंने वर्ष 1917 में इसकी अध्यक्षता की थी।
    • असहयोग आंदोलन में भागीदारी: नायडू ने वर्ष 1920 में गांधी द्वारा शुरू किये गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और विभिन्न स्वतंत्रता गतिविधियों में शामिल होने के कारण वे कई बार गिरफ्तार भी हुईं
    • नमक सत्याग्रह का नेतृत्त्व: वर्ष 1930 में भारत में नमक उत्पादन पर ब्रिटिश एकाधिकार के खिलाफ अहिंसक विरोध, नमक सत्याग्रह का नेतृत्त्व करने के लिये गांधी ने नायडू का चयन किया था।
    • भारत छोड़ो आंदोलन: वर्ष 1942 में सरोजिनी नायडू को "भारत छोड़ो" आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया और गांधीजी के साथ 21 महीने के लिये जेल में डाल दिया गया।
    • जागरूकता बढ़ाने हेतु विदेश यात्रा: स्वतंत्रता हेतु भारत के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिये नायडू ने संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूनाइटेड किंगडम सहित विभिन्न देशों की यात्रा की।
      • उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्त्व किया और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात की।
  • एक राजनेता के रूप में योगदान: 
    • दूसरा गोलमेज़ सम्मेलन: भारतीय-ब्रिटिश सहयोग (1931) हेतु गोलमेज़ सम्मेलन के अनिर्णायक दूसरे सत्र के लिये वह गांधीजी के साथ लंदन गई थीं।
    • उत्तर प्रदेश की राज्यपाल: भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद नायडू को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया, जो भारत में राज्यपाल का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं।
  • अन्य योगदान: 
    • प्रसिद्ध कवयित्री: नायडू एक प्रसिद्ध कवयित्री थीं और उन्होंने अंग्रेज़ी तथा उर्दू दोनों में रचनाएँ कीं।  
      • वर्ष 1912 में प्रकाशित 'इन द बज़ार्स ऑफ हैदराबाद’' उनकी सबसे लोकप्रिय कविताओं में से एक है।
      • उनके अन्य कार्यों में "द गोल्डन थ्रेशोल्ड (1905)", "द बर्ड ऑफ टाइम (1912)" और "द ब्रोकन विंग (1912)" शामिल हैं।
    • महिला सशक्तीकरण: नायडू महिलाओं के अधिकारों की प्रबल समर्थक थीं और उन्होंने भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु अथक प्रयास किया।
      • वह अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की सदस्य भी थीं और उन्होंने भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार हेतु काम किया।
  • मृत्यु:  
    • 2 मार्च, 1949 को लखनऊ, भारत में उनका निधन हो गया।
  • वर्तमान समय में सरोजिनी नायडू की प्रासंगिकता:
    • सरोजिनी नायडू एक बहुआयामी व्यक्तित्त्व की थीं और भारत एवं विश्व भर में महिलाओं के लिये एक आदर्श बनी हुई हैं। उनके साहस, समर्पण और नेतृत्त्व ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया तथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. 'गोल्डन थ्रेशोल्ड' नामक कविता संग्रह की रचयिता निम्नलिखित में से कौन हैं? (2009)

(a) अरुणा आसफ अली
(b) एनी बेसेंट
(c) सरोजिनी नायडू
(d) विजयलक्ष्मी पंडित

उत्तर: (c) 


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू थीं।
  2. भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी थे।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

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