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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स):31 अगस्त, 2022

  • 31 Aug 2022
  • 7 min read

अफ्रीकी मूल के लोगों हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 31 अगस्त, 2022 को अफ्रीकी मूल के लोगों हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जा रहा है। अफ्रीकी मूल के लोगों हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस पहली बार 31 अगस्त, 2021 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र का इस दिवस का मानाने का उद्देश्य दुनिया भर में अफ्रीकी प्रवासी के असाधारण योगदान को बढ़ावा देना एवं अफ्रीकी मूल के लोगों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने दिसंबर 2020 में अफ्रीकी मूल के लोगों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना के प्रस्ताव को अपनाया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन की स्थापना समाज के विकास हेतु अफ्रीकी मूल के लोगों की विविध विरासत, संस्कृति और योगदान के लिये अधिक मान्यता एवं सम्मान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की थी। यह दिन उनके मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के लिये सम्मान को बढ़ावा देने का भी प्रयास करता है। इसके अलावा यह दिवस डरबन घोषणा और कार्रवाई कार्यक्रम (Durban Declaration and Programme of Action-DDPA) के 20 साल बाद नस्लवाद को समाप्त करने की दिशा के आलोक में महत्त्वपूर्ण है। दूसरी तरफ लैटिन अमेरिका में अफ्रीका के लगभग 134 मिलियन लोग हैं और वे गरीबी, बुनियादी सेवाओं तक पहुँच की कमी एवं असमानता से पीड़ित हैं। ब्राज़ील में कुल गरीबी दर 11.5% है जबकि वहाँ अफ्रीकी मूल के लोगों में गरीबी 25.5% है।

‘रंग स्वाधीनता 

भारत की आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संगीत नाटक अकादमी ने ‘रंग स्वाधीनता’ का आयोजन किया, जो भारत को साम्राज्यवाद की बेड़ियों से मुक्त करने के लिये अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की स्‍मृतियों को सँजोने का उत्‍सव था। यह उत्सव 27 से 29 अगस्त, 2022 तक मेघदूत सभागार में आयोजित किया गया था। इस वर्ष का उत्सव विशिष्‍ट रूप से लोक गायन शैलियों पर केंद्रित था। इस उत्सव में भारत के 9 राज्यों की कुल 12 टीमों और लगभग 100 कलाकारों ने हिस्सा लिया। ‘रंग स्वाधीनता’ में देश भर की लोक संगीत परंपराओं को प्रस्‍तुत किया जाता है। ‘रंग स्वाधीनता’ के पहले दिन का शुभारंभ सुभाष नगाड़ा एंड ग्रुप की प्रस्‍तुति के साथ हुआ, जिसने कहरवा ताल पर अनेक धुन प्रस्तुत की, लोकप्रिय आल्हा कलाकार श्री रामरथ पांडेय ने देवी दुर्गा का आह्वान करने के साथ अपनी प्रस्‍तुति की शुरुआत की और इसके साथ ही चंद्रशेखर आज़ाद की वीरता की गाथाओं को भी सुनाया, आल्हा गायन आमतौर पर मानसून के दौरान  प्रस्‍तुत किया जाता है, जिसे आल्हा छंद के रूप मेंं  गाया जाता है। ढिमरयाई लोक-गीत में नर्तक आमतौर पर हाथ में सारंगी लेकर उसे बजाता है, जिसमें अन्य अन्य संगीतकार भी उसका साथ देते हैं। ढिमरयाई गीत धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक और देशभक्ति विषयों पर आधारित होते हैं। अन्य कलाकारों ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों पर गाथागीत प्रस्तुत किये। अंतिम दिन की प्रस्तुतियों की शुरुआत धर्मेंद्र सिंह द्वारा रागिनी गायन शैली में स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। रागिनी एक कौरवी लोकगीत है जो पूरे उत्तरी भारत, विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बहुत लोकप्रिय है। धर्मेंद्र सिंह रागिनी गायन की कई शैलियों जैसे कि आल्हा, बहारे तबील, चमोला, झूलना, सोहनी, अलीबक्श और सवैया इत्‍यादि में पारंगत हैं।

नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा की भारत यात्रा

नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से 29 अगस्त, 2022 को राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने रानी मैक्सिमा का स्वागत किया तथा भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के बारे में चर्चा की। बैठक के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति की अप्रैल 2022 में नीदरलैंड की राजकीय यात्रा को याद किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि अप्रैल 2021 में भारत-नीदरलैंड आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू हुई 'जल पर रणनीतिक साझेदारी' और द्विपक्षीय संबंधों के कई अन्य आयामों के संबंध में हाल के वर्षों में और मज़बूती देखी गई है। दोनों राजनेताओं ने सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार प्रत्येक भारतीय को विभिन्न तरीकों के जरिये औपचारिक बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने और यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है कि सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले लाभ अंतिम इच्छित लाभार्थी तक बिना किसी बाधा के पूरी मात्रा के साथ पहुँचें। रानी मैक्सिमा ने पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में भारत में हुई प्रगति की सराहना की। विकास हेतुु समावेशी वित्त के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष अधिवक्ता और G20 वैश्विक भागीदारी (GPFI) का मानद संरक्षक के रूप में रानी मैक्सिमा 29 से 31 अगस्त, 2022 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

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