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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 फरवरी, 2021

  • 19 Feb 2021
  • 7 min read

फ्रांँस का एंटी-रेडिकालिज़्म बिल

हाल ही में फ्रांँस की संसद के निचले सदन ने एंटी-रेडिकालिस्म बिल को मंज़ूरी दी है, जिसका उद्देश्य फ्रांँस को कट्टरपंथ से बचाना, फ्रांँसीसी मूल्यों को बढ़ावा देने हेतु धार्मिक स्थानों, विद्यालयों और स्पोर्ट्स क्लबों की निगरानी प्रणाली को मज़बूत करना है। इस बिल के तहत फ्रांँस की सरकार ने तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये घरेलू शिक्षा पर रोक लगाते हुए उनके लिये विद्यालय जाना अनिवार्य कर दिया है। यह बिल किसी भी व्यक्ति के निजी, पारिवारिक या पेशेवर जीवन के बारे में जानकारी को प्रसारित करने, जिससे उसके जीवन पर खतरा उत्पन्न हो, को अपराध घोषित करता है। इसके तहत धार्मिक संस्थानों, विशेषतौर पर उनके वित्तपोषण के संबंध में निगरानी बढ़ाना है, यदि यह कानून बन जाता है तो धार्मिक समूहों और संस्थानों को 10,000 यूरो से अधिक के किसी भी विदेशी दान का खुलासा अधिकारियों के समक्ष करना होगा। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन को ऐसे किसी भी धार्मिक स्थान को अस्थायी रूप से बंद करने का अधिकार दिया गया है, जहाँ भेदभाव, घृणा और हिंसा को बढ़ावा दिया जाता है। यह बिल सरकार को किसी भी धार्मिक संघ में हस्तक्षेप करने का अधिकार देता है।

भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश का तीसरा संस्करण 

हाल ही में तकरीबन 10000 शब्दों के साथ भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश के तीसरे संस्करण को लॉन्च किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) द्वारा तैयार किये गए इस शब्दकोश में दैनिक उपयोग, अकादमिक, कानूनी एवं प्रशासनिक, चिकित्सा, तकनीकी एवं कृषि क्षेत्र से संबंधित शब्द शामिल हैं। भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश का पहला संस्करण मार्च 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसमें कुल 3,000 शब्द शामिल थे, जबकि इसका दूसरा संस्करण फरवरी 2019 में लॉन्च किया गया, जिसमें 6,000 शब्द शामिल थे। भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का एक स्वायत्त राष्ट्रीय संस्थान है, जो भारतीय सांकेतिक भाषा के उपयोग को लोकप्रिय बनाने और भारतीय सांकेतिक भाषा में शिक्षण तथा अनुसंधान हेतु मानव शक्ति के विकास की दिशा में कार्य कर रहा है। इस केंद्र के गठन की घोषणा वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2011-12 के केंद्रीय बजट में की गई थी।

वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो

हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) को ‘नवाचार’ श्रेणी में एशिया एन्वायरनमेंट एनफोर्समेंट अवार्ड-2020 से सम्मानित किया गया है। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) को भारत में वन्यजीव अपराधों को रोकने के लिये प्रतिबद्धता हेतु बीते तीन वर्ष में दो बार यह पुरस्कार दिया जा चुका है। इससे पूर्व वर्ष 2018 में भी ब्‍यूरो को इसी श्रेणी में पुरस्कृत किया गया था। एशिया एन्वायरनमेंट एनफोर्समेंट अवार्ड एशियाई देशों में सरकारी संस्थाओं और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा पर्यावरण संबंधी अपराधों को नियंत्रित करने हेतु किये गए प्रयासों की पहचान करता है और उन्हें मान्यता प्रदान करता है। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो देश में संगठित वन्यजीव अपराध से निपटने के लिये पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन भारत सरकार द्वारा स्थापित एक सांविधिक बहु-अनुशासनिक इकाई है। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अधिनियमित किया जाता है। 

रामकृष्‍ण परमहंस

18 फरवरी, 2021 को गृह मंत्री ने रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। रामकृष्ण का जन्म 1836 में पश्चिम बंगाल के कामारपुकुर गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम गदाधर चट्टोपाध्याय था।  12 वर्ष तक गाँव के स्कूल में पढ़ने के बाद रामकृष्ण ने पारंपरिक शिक्षा छोड़ दी और अध्यात्मिक शिक्षा की ओर मुड़ गए। रामकृष्ण ने भारतीय परंपराओं की आधुनिक व्याख्या करते हुए तंत्र, योग और अद्वैत वेदांत के बीच सामंजस्य स्थापित किया। उनकी शिक्षाओं ने कई युवाओं को प्रभावित किया, जिसमें विवेकानंद सबसे प्रमुख माने जाते हैं। वर्ष 1897 में विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के पश्चात् रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन ने भारत में शिक्षा और लोकोपकारी कार्यों जैसे- आपदाओं में सहायता, चिकित्सा सुविधा, प्राथमिक और उच्च शिक्षा तथा जनजातियों के कल्याण पर बल दिया। वर्ष 1886 में गले के कैंसर के कारण रामकृष्ण की मृत्यु हो गई, किंतु उनकी विरासत आज भी कायम है।

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