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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 मार्च, 2023

  • 09 Mar 2023
  • 6 min read

ड्राइवरों हेतु दृष्टि परीक्षण

सड़क सुरक्षा पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के अवलोकन के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है, राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा योजना (National Road Safety Plan- NRSP) में ड्राइवरों हेतु दृष्टि परीक्षण कराना अनिवार्य किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare- MoHFW) के अनुसार, यातायात सुरक्षा अनुसंधान समूहों का मानना है कि ड्राइवरों के बीच अस्पष्ट दृष्टि का मुद्दा आम समस्या है और नियमित नेत्र परीक्षण के फलस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है एवं सड़क सुरक्षा तथा चालकों की भलाई के लिये नियमित नेत्र परीक्षण को शामिल किया जाना चाहिये। जबकि MoHFW ने इस कदम को मंज़ूरी दे दी है, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को अब अपनी सड़क सुरक्षा गतिविधियों में नियमित दृष्टि परीक्षण को शामिल करना चाहिये। MoRTH वर्तमान में नेत्र जाँच शिविर का आयोजन एक बार करता है। MoRTH द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग कैंप में भाग लेने के अलावा Sightsavers India पिछले पाँच वर्षों में प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर 'राही - नेशनल ट्रकर्स आई हेल्थ प्रोग्राम' नामक एक परियोजना चला रहा है।
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भारत के सबसे अधिक भूस्खलन-प्रवण ज़िले

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के उपग्रह डेटा के अनुसार, देश में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल सबसे अधिक भूस्खलन-प्रवण ज़िले हैं। हाल ही में उत्तराखंड के जोशीमठ का मामला भूस्खलन बड़ी घटनाओं में से एक है। कुछ अन्य उदाहरणों में 2013 में केदारनाथ में आपदा और 2011 में सिक्किम भूकंप के कारण हुए भूस्खलन शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं में होने वाली मौतों के मामले में भूस्खलन तीसरे स्थान पर है। भारत उन चार प्रमुख देशों में शामिल है जहाँ भूस्खलन का खतरा सबसे अधिक है। देश में लगभग 0.42 मिलियन वर्ग किलोमीटर भू-स्खलन संभावित क्षेत्र है, जो देश के कुल भूमि क्षेत्र का 12.6% है।

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H3N2 का प्रकोप

दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक पूरे भारत में सर्दी, गले में खराश, बुखार और थकान से संबंधित लक्षणों के साथ साँस की बीमारी का प्रकोप देखा गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, इन्फ्लुएंज़ा का उपभेद H3N2 बीमारी का सत्यापित कारण रहा है। यह वायरस अन्य इन्फ्लुएंज़ाउपभेदों की तुलना में अस्पताल में अधिक मरीज़ों के भर्ती होने का कारण बना। टाइप ए, बी, सी और डी मौसमी इन्फ्लुएंज़ा वायरस के चार अलग-अलग उपप्रकार हैं। जब इन्फ्लुएंज़ा ए और बी वायरस फैलते हैं तो उसके परिणामस्वरूप बीमारी का वार्षिक प्रकोप देखने को मिलता है। इन्फ्लुएंज़ा वायरस एकमात्र इन्फ्लुएंज़ा वायरस है जो फ्लू महामारी (अर्थात् फ्लू रोग की वैश्विक महामारी) के रूप में पहचाना जाता है।
WHO ने जून 2009 में H1N1 महामारी की घोषणा की। स्वाइन फ्लू का प्रकोप इसका दूसरा सामान्य रूप है। वर्ष 2009 से पूर्व इन्फ्लुएंज़ा ए (H1N1) वायरस H1N1 महामारी का कोई भी मानवीय संक्रमण नहीं था। आनुवंशिक अध्ययनों के अनुसार, यह इन्फ्लुएंज़ा वायरस पशुओं के माध्यम से फैलता है जो मौसमी वायरस H1N1 वायरस से संबंधित नहीं है। हालाँकि भारत में वर्ष 2013 में एक महत्त्वपूर्ण स्वाइन फ्लू नामक महामारी की पहचान की गई।

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अट्टुकल पोंगल

विश्व में महिलाओं के सबसे बड़े महोत्सव में से एक माने जाने वाले इस त्योहार में लगभग 15 लाख महिलाओं ने तिरुवनंतपुरम, केरल के वार्षिक अट्टुकल पोंगल उत्सव में भाग लिया। इस उत्सव में केरल के तिरुवनंतपुरम में अट्टुकल भगवती मंदिर के देवता को चावल से बनी एक मिठाई पोंगल चढ़ाई जाती है। दस दिवसीय इस उत्सव का मुख्य आकर्षण नौवें दिन चढ़ाई जाने वाली सामूहिक भेंट है। जहाँ राजधानी में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में महिलाएँ पहुँचती हैं। वर्ष 2009 में इस अनुष्ठान ने एक ही दिन में महिलाओं की सबसे बड़ी धार्मिक सभा के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाई थी, जब इसमें 2.5 मिलियन से अधिक महिलाओं ने भाग लिया था। अट्टुकल मंदिर को "महिलाओं का सबरीमाला" कहा जाता है क्योंकि यहाँ केवल महिलाएँ ही अनुष्ठान करती हैं, जबकि सबरीमाला में मुख्य रूप से पुरुष ही भगवान अयप्पा के पहाड़ी मंदिर की तीर्थ यात्रा करते हैं।
और पढ़ें… सबरीमाला मंदिर, भारत में मंदिर

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