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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 फरवरी, 2022

  • 09 Feb 2022
  • 7 min read

ऑपरेशन आहट 

हाल ही में रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force- RPF) द्वारा मानव तस्करी को रोकने के लिये ऑपरेशन आहट शुरू किया गया है। यह मुख्य रूप से उन ट्रेनों पर केंद्रित होगा जो सीमावर्ती देशों से संचालित होती हैं। इस ऑपरेशन का संचालन रेल मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। RPF रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। ऑपरेशन के तहत RPF लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष बल की तैनाती करेगा। यह ऑपरेशन मुख्य रूप से तस्करों से महिलाओं और बच्चों को बचाने पर केंद्रित होगा तथा ऑपरेशन को भारतीय रेलवे द्वारा संचालित हर ट्रेन में लागू किया जाएगा। इस ऑपरेशन के तहत RPF सुराग जुटाएगा, उसका मिलान और उसका विश्लेषण करेगा। इसके तहत मार्गों, पीड़ितों, स्रोतों, गंतव्य, लोकप्रिय ट्रेनों की जानकारी एकत्र की जाएगी। एकत्र किये गए विवरण को अन्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। इस ऑपरेशन के तहत साइबर सेल्स का निर्माण किया जाएगा। यह ऑपरेशन म्यांँमार, नेपाल तथा बांग्लादेश से चलने वाली ट्रेनों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा।

कोंकर्स-एम एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

हाल ही में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारतीय सेना के मध्य कोंकर्स-एम (Konkurs-M) एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGM) के निर्माण एवं आपूर्ति हेतु 3,131.82 करोड़ रुपए के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इस अनुबंध को तीन वर्ष की अवधि में पूरा किया जाएगा। कोंकर्स-एम एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों का निर्माण BDL द्वारा रूसी मूल उपकरण निर्माता (OEM) के साथ लाइसेंस समझौते के तहत किया जा रहा है। इस मिसाइल को अधिक-से-अधिक स्वदेशी रूप प्रदान किया जाएगा।  कोंकर्स-एम दूसरी पीढ़ी की मेकेनाइज़्ड इन्फेंट्री एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है। इसका निर्माण विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच से लैस बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने हेतु किया जा रहा है। मिसाइल को BMP-II टैंक से या ग्राउंड लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है। इसकी रेंज 75 से 4000 मीटर है। यह दिन और रात दोनों स्थितियों में कार्य करने में सक्षम है। इस ATGM प्रणाली में प्रशिक्षण सहायता, लड़ाकू सामग्री और उसकी रखरखाव सुविधाएंँ शामिल हैं। इसके लॉन्चर डिज़ाइन के कारण कोंकर्स-एम सिस्टम को विभिन्न प्रकार के ट्रैक तथा व्हील वाले प्लेटफॉर्म पर स्थापित किया जा सकता है।

ओलंपिक विथी या ओलंपिक बुलेवार्ड

हाल ही में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने ओलंपिक चैंपियनों को सम्मानित करने के उद्देश्य से उत्तरी दिल्ली में लगभग एक किलोमीटर लंबा खंड समर्पित करने का निर्णय लिया है। एक किलोमीटर लंबे इस हिस्से का नाम ओलिंपिक विथी या ओलिंपिक बुलेवार्ड (Olympic Vithi/Olympic Boulevard) रखा जाएगा। स्पोर्ट्स-थीम वाला यह खंड अपनी तरह का पहला है। महत्त्वाकांक्षी सड़कों के निर्माण की परियोजना के हिस्से के रूप में इसका पुनर्विकास और री-डिज़ाइन किया जाएगा। ओलंपिक विथी को एक स्पोर्ट्स लुक दिया जाएगा जिसमें निम्नलिखित खिलाड़ियों की मूर्तियांँ शामिल होंगी: पहलवान बजरंग पुनिया, भारोत्तोलक मीराबाई चानू, बॉक्सर लवलीना बोरघिन, बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु, भाला फेंक खिलाड़ी और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, पहलवान रवि दहिया। लोक निर्माण विभाग ओलंपिक और पैरा ओलंपिक 2021 में भारत की सफलता का जश्न मनाने हेतु नीरज चोपड़ा, रवि दहिया, पीवी सिंधु और अन्य ओलंपिक चैंपियंस को यह खंड समर्पित करेगा। इस स्ट्रेच में सिंथेटिक फाइबर साइकिल ट्रैक, स्क्वाट पुशिंग, साइकिल, क्रॉस ट्रेनर्स के साथ ओपन जिम और अन्य उपकरण भी होंगे। इसमें बच्चों के खेलने का क्षेत्र भी शामिल है, जिसमें बच्चों के लिये बहु-खेल उपकरण जैसे- हेक्सा-क्लाइंबर, स्विंग,  क्रॉली क्लाइंबर, सी-सा और अन्य शामिल हैं। यह भारत के युवाओं को एक आदत के रूप में या फिट रहने के लिये खेलों को अपनाने हेतु प्रेरित करने का भी प्रयास करेगा।

परय शिक्षालय

हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कक्षा 1 से 7 तक के छात्रों के लिये एक ओपन-एयर क्लासरूम कार्यक्रम पड़ोस स्कूल या 'परय शिक्षालय' ((Paray Shikshalaya) शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य उन छात्रों को प्रोत्साहित करना है,जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूल छोड़ दिया था। प्रारंभ में यह पहल प्राथमिक विद्यालय के छात्रों (1 से 5) के लिये थी। हालाँकि इसमें कक्षा 6 और 7 के छात्रों को भी शामिल किया गया है क्योंकि उनके लिये स्कूलों में कक्षाएँ अभी भी नहीं खोली गई हैं। जिन स्कूलों में ओपन-एयर स्पेस नहीं है, वे पड़ोस के पार्कों और मैदानों में कक्षाएँ संचालित करते हैं। स्थानीय पार्षदों एवं विधायकों ने ऐसे पार्कों में छात्रों के लिये मध्याह्न भोजन की व्यवस्था करने के अलावा अस्थायी शेड और कुर्सियों की व्यवस्था जैसे बुनियादी ढाँचे को स्थापित करने में मदद की है। परय शिक्षालय कार्यक्रम के तहत पहले दिन उत्साह के साथ कोलकाता में कई जगहों पर प्रति स्कूल लगभग 30 से 40 छात्रों ने कक्षाओं में भाग लिया।

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