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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 जनवरी, 2022

  • 05 Jan 2022
  • 7 min read

नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्‍नोलॉजी

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ‘नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्‍नोलॉजी’ (NEAT) के तीसरे चरण की शुरुआत की है। यह देश के विद्यार्थियों को सर्वोत्तम एड-टेक समाधान और पाठ्यक्रम प्रदान करने के उद्देश्य से एक मंच के तौर पर कार्य करेगा। ‘नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्‍नोलॉजी’ शिक्षा क्षेत्र में सर्वोत्तम तकनीकी समाधानों का उपयोग कर युवाओं की रोज़गार प्राप्त करने की क्षमता को बढ़ाने संबंधी एक पहल है। ये समाधान बेहतर शिक्षण परिणामों और विशिष्ट क्षेत्रों में कौशल विकास हेतु व्यक्तिगत एवं अनुकूलित सीखने के अनुभव के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हैं। इस संबंध में जारी सूचना के मुताबिक, 58 वैश्विक और भारतीय स्टार्ट-अप्स एड-टेक कंपनियाँ इस पहल में शामिल हैं, जो सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने व रोज़गार योग्य कौशल विकसित करने हेतु 100 पाठ्यक्रम और ई-संसाधनों की पेशकश कर रही हैं। गौरतलब है कि ‘नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्‍नोलॉजी’ कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न ‘लर्निंग-लॉस’ को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

5G माइक्रोवेव अवशोषक

हाल ही में केरल में एक वैज्ञानिक समूह ने ‘5G माइक्रोवेव अवशोषक’ विकसित किये हैं, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण के विरुद्ध एक प्रभावी सुरक्षा कवच के रूप में काम कर सकते हैं। ध्यातव्य है कि स्मार्ट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बढ़ती खोज ने दुनिया को ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रदूषण’ के अपरिहार्य खतरे में डाल दिया है। हाई-एंड उपकरणों को प्रभावित करने के अलावा ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हस्तक्षेप’ (EMI) जीवित जीवों के स्वास्थ्य के लिये भी हानिकारक माना जाता है। 5जी प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के मौजूदा युग में जब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और इंटरनेट की मदद के बिना नियमित काम करना मुश्किल हो गया है तथा अधिकतर कार्य इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों के आसपास ही हो रहा है, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रदूषण के कारण उत्पन्न समस्याओं को संबोधित करना महत्त्वपूर्ण हो जाता है। केरल के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित यह ‘5G माइक्रोवेव अवशोषक’, एक 'मेयनाइट इलेक्ट्राइड' है, जो कि रासायनिक रूप से स्थिर है। इसने उच्च आवृत्ति क्षेत्र में विशेष रूप से 5G बैंड में असाधारण माइक्रोवेव अवशोषण क्षमता का प्रदर्शन किया है। आयनिक (रासायनिक पदार्थ जिनमें नकारात्मक रूप से आवेशित आयन होते हैं) इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति उच्च चालकता प्रदान करती है, जो उच्च इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंग क्षीणन के इसके गुण हेतु उत्तरदायी है। 

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार

हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार’ के पंजीकरण के लिये एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2006 में केंद्र एवं राज्य सरकारों के ज़िलों/संगठनों द्वारा किये गए असाधारण एवं अभिनव कार्यों को स्वीकार करने, उन्हें पहचानने और उन्हें पुरस्कृत करने के उद्देश्य से ‘लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार’ का गठन किया गया था। प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, नवाचार एवं महत्त्वाकांक्षी ज़िलों में ज़िला कलेक्‍टरों के कार्य को पहचानने के लिये वर्ष 2014 में इस योजना का पुनर्गठन किया गया था। इसके पश्चात रचनात्मक प्रतिस्पर्द्धा, नवाचार, प्रतिकृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2021 में एक नए दृष्टिकोण के साथ पुरस्कार को नया रूप दिया गया है। हाल ही में वर्ष 2022 के पुरस्कारों के लिये भी कुछ नए बदलाव किये गए हैं, नए दृष्टिकोण के मुताबिक, मूल्यांकन के दौरान पुरस्कारों के लिये ज़िला कलेक्टरों के काम की अपेक्षा संपूर्ण ज़िले पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

कल्पना चावला सेंटर फॉर रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में ‘कल्पना चावला सेंटर फॉर रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ का उद्घाटन किया है। अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह विकास और अंतरिक्ष अनुसंधान में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिये छात्रों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से नया अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है। यह केंद्र चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा निर्मित उपग्रह (CUSat) के लिये ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन के रूप में कार्य करेगा, जो एक इन-हाउस नैनो-उपग्रह है जिसे विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा डिज़ाइन किया जा रहा है, साथ ही यह अनुसंधान के लिये भू-स्थानिक केंद्र भी होगा। यह उपग्रह उन 75 छात्र-निर्मित उपग्रहों में से एक होगा, जिन्हें वर्ष 2022 में 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा।

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