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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 अक्तूबर, 2023

  • 03 Oct 2023
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कारमन रेखा

विज्ञान के क्षेत्र में कारमन रेखा, वह रेखा अथवा सीमा है जो पृथ्वी की सीमा की समाप्ति और अंतरिक्ष की शुरुआत को चिन्हित करती है, वर्तमान में यह रेखा चर्चा का विषय बनी हुई है।

  • कारमन रेखा समुद्र तल से 100 किमी ऊपर स्थित एक काल्पनिक सीमा है जो पृथ्वी के वायुमंडल को अंतरिक्ष से अलग करती है।
    • हालाँकि सभी वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्रियों की इसपर समान सहमती नहीं है, फिर भी अधिकांश देश एवं अंतरिक्ष संगठन इसे एक सीमा के रूप में मान्यता प्रदान करते हैं।
  • इसका निर्धारण 1960 के दशक में रिकॉर्ड रखने वाली संस्था फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनाले (FAI) द्वारा किया गया। इस रेखा को पार करने वाला कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष यात्री माना जाता है।
  • कारमन लाइन की स्थापना हवाई क्षेत्र को विनियमित करने और उस ऊँचाई को चिह्नित करने के लिये की गई थी जिसके आगे एक पारंपरिक विमान उड़ान नहीं भर सकता है।
    • इससे आगे उड़ान भरने वाले किसी भी विमान को पृथ्वी के गुरुत्त्वाकर्षण से दूर जाने के लिये एक प्रणोदन प्रणाली की आवश्यकता पड़ती है।
  • यह एक विधिक संदर्भ के रूप में भी कार्य करता है जो हवाई क्षेत्र को विभाजित करता है, जिस पर कोई देश अपना दावा कर सकता है, साथ ही यह अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र की तरह शासित होता है।

पिंक बॉलवॉर्म 

पूरे उत्तर भारत में कपास के खेतों में पिंक बॉलवॉर्म (Pectinophora gossypiella/पेक्टिनोफोरा गॉसीपिएला) का संक्रमण किसानों के लिये एक गंभीर संकट बन गया है, जिससे व्यापक क्षति एवं वित्तीय नुकसान हो रहा है।

  • पिंक बॉलवॉर्म (PBW) के संक्रमण ने वर्ष 2021 से उत्तरी राजस्थान, हरियाणा और दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में कपास के खेतों को प्रभावित किया है।
  • PBW एक विनाशकारी कीट है जो मुख्य रूप से कपास की फसल को प्रभावित करता है। यह एशिया की स्थानीय प्रजाति है, जिसे पहली बार वर्ष 1842 में भारत में देखा गया था
    • PBW लार्वा कपास के विकसित हो रहे बीजकोषों में घुस जाते हैं, जिससे कपास की फसल की दक्षता और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती हैं।
  • आनुवंशिक रूप से संशोधित BT कपास के बीज, जो शुरू में कुछ कीटों के खिलाफ प्रभावी थे, कीट के प्रतिरोध के कारण PBW से निपटने में अपनी प्रभावकारिता खो चुके हैं।

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भारत में कपास उत्पादन, पिंक बॉलवॉर्म से निपटने हेतु आपातकालीन उपाय

श्री लाल बहादुर शास्त्री

भारत ने 2 अक्टूबर को श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई तथा उनके महत्त्वपूर्ण योगदान और विरासत का सम्मान किया।

  • उन्होंने वर्ष 1964 से वर्ष 1966 तक भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, अपने कार्यकाल के दौरान महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का सामना किया, जिसमें चीन के साथ वर्ष 1962 के युद्ध के बाद, सूखा, खाद्य संकट और पाकिस्तान के साथ वर्ष 1965 का युद्ध शामिल था।
    • उनका प्रसिद्ध नारा "जय जवान जय किसान" इन मुद्दों से निपटने के लिये भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक था।
  • दुर्भाग्य से उनका प्रधानमंत्री कार्यकाल 10 जनवरी, 1966 को अचानक समाप्त हो गया, जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान के साथ ताशकंद समझौते पर वार्त्ता करते समय ताशकंद, USSR (अब उज़्बेकिस्तान) में उनका निधन हो गया।
    • वर्ष 1966 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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IAF ने Astra-MK1 के साथ स्वदेशी मिसाइल शस्त्रागार को समृद्ध किया 

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) ने स्वदेशी अस्त्र (Astra) बियॉन्ड विज़ुअल रेंज (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइल के लिये भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के साथ दो अनुबंध किये हैं और इसका पहला बैच वर्ष 2023 के अंत तक शामिल होने की उम्मीद है।

  • Astra पूरी तरह से SU-30MKI पर एकीकृत है और अगस्त, 2023 में गोवा के तट पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस से इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
  • अधिक उन्नत Astra-MK2 का भी विकास कार्य चल रहा है, जो लंबी दूरी की क्षमताओं का दावा करता है।

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