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पोइला बोइशाख

  • 19 Apr 2025
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी

प्रधानमंत्री ने बंगाली नववर्ष पोइला बैशाख पर शुभकामनाएँ दीं, जो 15 अप्रैल, 2025 को पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम और बांग्लादेश में मनाया जाएगा।

  • पोइला बैसाख: इसका अर्थ है बैसाख का पहला दिन, बंगाली चंद्र-सौर कैलेंडर का प्रारंभिक महीना जो आमतौर पर प्रत्येक वर्ष 14 या 15 अप्रैल को पड़ता है।
    • इसका इतिहास राजा शोशांगको (594 ई.) के शासनकाल, जब बंगाली कैलेंडर की शुरुआत हुई थी, से जुड़ा हुआ है।
  • अन्य क्षेत्रीय फसल एवं नववर्ष त्यौहार:
    • 35% - 40% भारतीय चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (मार्च-अप्रैल) को नए वर्ष के रूप में मनाते हैं, जिसे क्षेत्रीय रूप से गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र), उगादि (कर्नाटक, आंध्र प्रदेश), चेटी चंद (सिंधी), नौरोज़ (पारसी, कश्मीरी) और थपना (मारवाड़ी) के रूप में जाना जाता है ।
    • 50% से ज़्यादा भारतीय बैसाखी ( 13-15 अप्रैल ) को नए वर्ष के रूप में मनाते हैं, जिसमें कृषि चक्र के आधार पर भिन्नताएँ होती हैं। पंजाब में इसे फसल के त्यौहार के रूप में मनाया जाता  है, जबकि दक्कन क्षेत्र में यह पहले से ही मनाया जाता है। 
    • बैसाख महीने में अन्य क्षेत्रीय नव वर्ष समारोहों में पोहेला बोइशाख (बंगाल), रोंगाली बिहू (असम), पुथंडु (तमिलनाडु), विशु (केरल), पना संक्रांति (ओडिशा), और जूड शीतल (बिहार)  शामिल हैं।

और पढ़ें: पश्चिम बंगाल ने पोइला बोइशाख को राज्य स्थापना दिवस के रूप में अपनाया

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