प्रारंभिक परीक्षा
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2025
- 15 Oct 2025
- 31 min read
चर्चा में क्यों?
अर्थशास्त्र में वर्ष 2025 का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से जोएल मोकिर (नीदरलैंड), फिलिप अघियन (पेरिस) और पीटर हॉविट (कनाडा) को प्रदान किया गया है। उन्होंने नवाचार-प्रेरित आर्थिक वृद्धि की व्याख्या की और यह समझाया कि समाज के विकास को बनाए रखने के लिये ठहराव (Stagnation) का किस प्रकार मुकाबला करना चाहिये।
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2025 की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- विजेता और मुख्य योगदान:
- पुरस्कार की आधी राशि जोएल मोकीर को मिलेगी, जिन्होंने तकनीकी प्रगति के माध्यम से स्थायी आर्थिक वृद्धि के लिये आवश्यक शर्तों की पहचान की।
- मोकीर ने पुराने डेटा का उपयोग करके यह स्पष्ट किया कि निरंतर तकनीकी नवाचार सतत् आर्थिक विकास के लिये क्यों आवश्यक है।
- बाकी आधी राशि फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को संयुक्त रूप से दी जाएगी, जिन्होंने ‘क्रिएटिव डिस्ट्रक्शन’ के ज़रिये विकास का सिद्धांत दिया।
- अघियन और हॉविट ने एक गणितीय मॉडल विकसित किया जो ‘क्रिएटिव डिस्ट्रक्शन’ को बताता है, जिसमें नए उत्पाद और तकनीकें पुरानी तकनीकों की जगह ले लेते हैं, जिससे आर्थिक विस्तार को बढ़ावा मिलता है।
- पुरस्कार की आधी राशि जोएल मोकीर को मिलेगी, जिन्होंने तकनीकी प्रगति के माध्यम से स्थायी आर्थिक वृद्धि के लिये आवश्यक शर्तों की पहचान की।
- रिसर्च का महत्त्व:
- यह कार्य यह समझाता है कि पिछले दो शताब्दियों में वैश्विक स्तर पर निरंतर आर्थिक विकास क्यों हुआ, जिससे जीवन स्तर और वैश्विक कल्याण में सुधार हुआ।
- यह इस धारणा को चुनौती देता है कि आर्थिक विकास स्वतः होता है और यह रेखांकित करता है कि प्रगति अत्यंत संवेदनशील होती है तथा उसे बनाए रखने के लिये नवाचार-प्रेरित तंत्रों को सतत् रूप से सक्रिय रखना आवश्यक है।
- निहितार्थ और नीतिगत अंतर्दृष्टियाँ:
- उनकी रिसर्च से यह स्पष्ट होता है कि यूरोप जैसे क्षेत्रों के लिये प्रतिस्पर्द्धा को सक्रिय औद्योगिक नीति के साथ जोड़ना आवश्यक है, जैसा कि अमेरिका और चीन की नीतियों से लिया जा सकता है।
- यह सिद्धांत इस तर्क पर ज़ोर देता है कि निरंतर समृद्धि के लिये अर्थव्यवस्थाओं को सतत् नवाचार और अनुकूलन को प्रोत्साहित करना चाहिये।
क्या आप जानते हैं?
- अमर्त्य सेन (1998): कल्याण अर्थशास्त्र, गरीबी और मानव विकास पर अपने कार्य के लिये अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित। उन्होंने इस तर्क पर बल दिया कि केवल आर्थिक विकास पर्याप्त नहीं है तथा वास्तविक विकास के लिये क्षमताओं, अधिकारों और स्वतंत्रताओं पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
- अभिजीत बनर्जी (2019): एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया। उन्हें वैश्विक गरीबी उन्मूलन के लिये प्रयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने और सामाजिक एवं आर्थिक नीतियों के मूल्यांकन हेतु यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण (Randomized Controlled Trials - RCTs) की पद्धति शुरू करने के लिये सम्मानित किया गया।
- अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार: वर्ष 1968 में स्वीडन के सेंट्रल बैंक स्वेरिग्स रिक्सबैंक (Sveriges Riksbank) ने अपनी 300वीं वर्षगाँठ पर ‘अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र का पुरस्कार’ स्थापित किया। यह पुरस्कार नोबेल फाउंडेशन को दी गई एक विशेष राशि से वित्तपोषित है।
- यह रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ द्वारा प्रदान किया जाता है और यह मूल नोबेल पुरस्कारों के समान सिद्धांतों का पालन करता है तथा इसका मौद्रिक मूल्य भी समान है।
पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: नोबेल शांति पुरस्कार 2025
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. अर्थशास्त्र में वर्ष 2025 का नोबेल पुरस्कार किसे मिला?
जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट।
2. अर्थशास्त्र में वर्ष 2025 की नोबेल-विनिंग रिसर्च का मुख्य योगदान क्या है?
नवाचार-प्रेरित आर्थिक विकास, सतत् वृद्धि के पीछे वैज्ञानिक-तकनीकी समन्वय और क्रिएटिव डिस्ट्रक्शन के सिद्धांत को समझाता है।
3. यह रिसर्च आर्थिक विकास के लिये नीतिगत अंतर्दृष्टियाँ कैसे प्रदान करता है?
यह प्रतिस्पर्द्धा, औद्योगिक नीति और सतत् नवाचार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।