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नवरोज़

  • 22 Mar 2022
  • 5 min read

हाल ही में प्रधानमंत्री ने नवरोज़ (21 मार्च, 2022) के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ दीं।

प्रमुख बिंदु

  • नवरोज़ को पारसी नववर्ष के नाम से भी जाना जाता है।
  • फारसी में 'नव' का अर्थ है नया और 'रोज़' का अर्थ है दिन, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'नया दिन'(New Day)।
  • हालांँकि वैश्विक स्तर पर इसे मार्च में मनाया जाता है। नवरोज़ भारत में 200 दिन बाद आता है और अगस्त के महीने में मनाया जाता है क्योंकि यहांँ पारसी शहंशाही कैलेंडर (Shahenshahi Calendar) को मानते हैं जिसमें लीप वर्ष नहीं होता है।
    • भारत में नवरोज़ को फारसी राजा जमशेद के नाम पर जमशेद-ए-नवरोज़ (Jamshed-i-Navroz) के नाम से भी जाना जाता है। 
    • राजा जमशेद को शहंशाही कैलेंडर बनाने का श्रेय दिया जाता है।
  • इस त्योहार की खास बात यह है कि भारत में लोग इसे वर्ष में दो बार मनाते हैं- पहला ईरानी कैलेंडर के अनुसार और दूसरा शहंशाही कैलेंडर के अनुसार, जिसका पालन भारत और पाकिस्तान के लोग करते हैं। यह त्योहार जुलाई और अगस्त माह के मध्य आता है।
  • इस परंपरा का पालन विश्व भर में ईरानियों और पारसियों द्वारा किया जाता है
  • वर्ष 2009 में नवरोज़ को यूनेस्को द्वारा भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल  किया गया था।
    • इस प्रतिष्ठित सूची में उन अमूर्त विरासत तत्त्वों को शामिल किया जाता है जो सांस्कृतिक विरासत की विविधता को प्रदर्शित करने और इसके महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं।

यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल हैं: 

(1) वैदिक जप की परंपरा 
(2) रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन 
(3) कुटियाट्टम, संस्कृत थिएटर 
(4) राममन, गढ़वाल हिमालय के धार्मिक त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान, भारत 
(5) मुदियेट्टू, अनुष्ठान थियेटर और केरल का नृत्य नाटक 
(6) कालबेलिया लोकगीत और राजस्थान के नृत्य 
(7) छऊ नृत्य 
(8) लद्दाख का बौद्ध जप: हिमालय के लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ 
(9) मणिपुर का संकीर्तन, पारंपरिक गायन, नगाड़े और नृत्य 
(10) पंजाब के ठठेरों द्वारा बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन 
(11) योग 
(12) नवरोज़, नोवरूज़, नोवरोज़, नाउरोज़, नौरोज़, नौरेज़, नूरुज़,नवरूज़, नेवरूज़
(13) कुंभ मेला
(14) कोलकाता की दुर्गा पूजा

पारसी धर्म (ज़ोरोएस्ट्रिनिइज़्म) 

  • पारसी धर्म/ज़ोरोएस्ट्रिनिइज़्म पारसियों द्वारा अपनाए जाने वाले सबसे पहले ज्ञात एकेश्वरवादी मतों में से एक है।
  • इस धर्म की आधारशिला 3,500 वर्ष पूर्व प्राचीन ईरान में पैगंबर जरथुस्त्र (Prophet Zarathustra) द्वारा रखी गई थी।
  • यह 650 ईसा पूर्व से 7वीं शताब्दी में इस्लाम के उद्भव तक फारस (अब ईरान) का आधिकारिक धर्म था और 1000 वर्षों से भी अधिक समय तक यह प्राचीन विश्व के महत्त्वपूर्ण  धर्मों में से एक था।
  • जब इस्लामी सैनिकों ने फारस पर आक्रमण किया, तो कई पारसी लोग भारत (गुजरात) और पाकिस्तान में आकर बस गए।
  • पारसी ('पारसी' फारसियों के लिये गुजराती है) भारत में सबसे बड़ा एकल समूह है। विश्व में इनकी कुल अनुमानित आबादी 2.6 मिलियन है।
  • पारसी अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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