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नमस्ते योजना

  • 21 Jul 2025
  • 8 min read

स्रोत: पीआईबी

NAMASTE (नेशनल एक्शन फॉर मेकेनाईज्ड सेनिटेशन इकोसिस्टम) दिवस (16 जुलाई) के अवसर पर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने वेस्ट पिकर के लिये हेल्पलाइन नंबर (14473) का उद्घाटन किया और सीवर एवं सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSW) तथा वेस्ट पिकर को PPE किटआयुष्मान कार्ड वितरित किये।

नमस्ते योजना क्या है?

  • परिचय: नमस्ते योजना एक मानव-केंद्रित, अधिकार-आधारित पहल है, जिसका उद्देश्य सीवरों एवं सेप्टिक टैंकों की खतरनाक मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करना है। यह योजना वर्ष 2023 में एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में शुरू की गई थी, जिसकी अवधि तीन वर्षों (2023–24 से 2025–26) के लिये निर्धारित है।
    • यह मैनुअल स्कैवेंजर्स के पुनर्वास के लिये पूर्ववर्ती स्व-रोज़गार योजना (SRMS) का स्थान लेता है तथा पूरे भारत में 4800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों (ULB) को शामिल करता है।
    • यह योजना संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) जैसे SDG 6 (स्वच्छ जल एवं स्वच्छता), SDG 8 (सभ्य कार्य) और SDG 10 (असमानता में कमी) के अनुरूप है।
  • क्रियान्वयन: इसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया है। इसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC) द्वारा किया जा रहा है।
  • उद्देश्य: सीवर एवं सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSW) तथा वेस्ट पिकर को औपचारिक रूप से संगठित करना, उनका पुनर्वास करना और उन्हें सशक्त बनाना, ताकि यंत्रीकृत स्वच्छता (मानव मल या स्वच्छता कार्यकर्ताओं के साथ सीधे संपर्क के बिना) और स्वास्थ्य सुरक्षा के माध्यम से उनकी सुरक्षा, गरिमा व समावेशन सुनिश्चित किया जा सके।
    • स्वच्छता कार्यों में शून्य मृत्यु दर प्राप्त करना, इसके लिये प्रशिक्षित और प्रमाणित कर्मियों को बढ़ावा देना, आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ERSU) को सुदृढ़ करना तथा स्वच्छता के क्षेत्र में उद्यमिता व स्वयं सहायता समूहों (SHG) के गठन को प्रोत्साहित करना।
  • मुख्य घटक:
    • सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों (SSWs) के लिये: शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) द्वारा नियोजित स्वच्छता सेवा कार्यकर्त्ताओं (SSWs) की डिजिटल प्रोफाइलिंग की सुविधा मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराना, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट तथा सुरक्षा उपकरण प्रदान करना, व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण देना एवं कौशल उन्नयन सुनिश्चित करना।
      • इसमें आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत स्वास्थ्य बीमा, रियायती स्वच्छता वाहन/उपकरणों तक पहुँच और अग्रिम पूंजी अनुदान व क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से "स्वच्छता उद्यमिता" (Sani-Preneurship) को बढ़ावा देना भी शामिल है।
    • कचरा बीनने वालों के लिये (2024 में शामिल): णना और प्रोफाइलिंग, मौसमी/आवश्यकता-आधारित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट की आपूर्ति, व्यावसायिक सुरक्षा और कौशल विकास में प्रशिक्षण, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) कवरेज और अपशिष्ट संग्रहण वाहनों तथा स्थायी आजीविका परियोजनाओं के लिये पूंजी सब्सिडी पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
    • संस्थागत सहायता तंत्र: इसमें खतरनाक स्वच्छता कार्यों हेतु आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ERSUs) को सशक्त बनाना तथा सफाई कर्मचारियों की जागरूकता, सुरक्षा और सम्मान को बढ़ावा देने के लिये सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) अभियान चलाना शामिल है।

मैनुअल स्कैवेंजिंग क्या है?

  • परिचय:  मैनुअल स्कैवेंजिंग/हाथ से मैला ढोने की प्रथा को ‘‘किसी सुरक्षा साधन के बिना और नग्न हाथों से सार्वजनिक सड़कों एवं सूखे शौचालयों से मानव मल को हटाने, सेप्टिक टैंक, गटर एवं सीवर की सफाई करने’’ के रूप में परिभाषित किया गया है। भारत में हाथ से मैला ढोने की प्रथा एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है,।
  • कानूनी निषेध: मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास (PEMSR) अधिनियम, 2013 के तहत इसे प्रतिबंधित किया गया है, जो इसे एक अमानवीय प्रथा के रूप में मान्यता देता है।

जाति-आधारित व्यवसाय भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग को किस प्रकार कायम रखता है?

पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये: जाति-आधारित व्यवसाय और हाथ से मैला ढोने की प्रथा का बना रहना

भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग के उन्मूलन और पुनर्वास की चुनौतियाँ क्या हैं?

पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये: भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग के उन्मूलन और पुनर्वास की चुनौतियाँ

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. 'राष्ट्रीय गरिमा अभियान' एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसका उद्देश्य है: (2016)

(a) बेघर एवं निराश्रित व्यक्तियों का पुनर्वास और उन्हें आजीविका के उपयुक्त स्रोत प्रदान करना।
(b) यौनकर्मियों को उनके अभ्यास से मुक्त करना और उन्हें आजीविका के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करना।
(c) हाथ से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करना और हाथ से मैला ढोने वालों का पुनर्वास करना।
(d) बंधुआ मज़दूरों को मुक्त करना और उनका पुनर्वास करना।

उत्तर: (c)

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