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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 मई, 2020

  • 23 May 2020
  • 7 min read

PPE किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक

भारत दो महीने से भी कमी की अवधि में विश्व में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment- PPE) का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। हालाँकि, कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से बचाव के लिये आवश्यक PPE किट के उत्पादन में चीन अभी भी अग्रणी देश बना हुआ है। वस्त्र मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी बयान के अनुसार, सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिये कई कदम उठाए जा रहे हैं कि आगामी समय में PPE किट की गुणवत्ता और मात्रा में वांछित स्तर तक सुधार किया जाए। ध्यातव्य है कि वस्त्र मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि PPE किट की पूरी आपूर्ति श्रृंखला में केवल प्रमाणित उत्पादनकर्त्ता उत्पादन कर सकें। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) की जाँच और प्रमाणन के कार्य के लिये देश भर की कुल 9 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी गई है। विदित हो कि हाल ही में वस्त्र समिति, मुंबई को भी स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य COVID-19 योद्धाओं के लिये आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment-PPE) के परीक्षण और प्रमाणन का कार्य दिया गया था। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) एक प्रकार का चिकित्सीय उपकरण होता है, जिसे आमतौर पर मेडिकल पेशेवरों द्वारा प्रयोग किया जाता है। यह न केवल डॉक्टरों, नर्सों जैसे चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा करता है, बल्कि घातक बीमारी के प्रसार को रोकने में भी मदद करता है।

चीन की कंपनियों को सूचीबद्ध होने से रोकने के लिये बिल पारित

हाल ही में अमेरिकी सीनेट (US Senate) ने चीन की कुछ कंपनियों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से रोकने के उद्देश्य से एक बिल को मंज़ूरी दी है। इस बिल के अनुसार, चीन की कंपनियों को तब तक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा, जब तक वे इस संबंध में अमेरिका के सभी नियमों का पालन नहीं करती हैं। एक अनुमान के अनुसार, इस बिल से चीन की लगभग 800 कंपनियों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज से बाहर कर दिया जाएगा। इस बिल को कोरोना वायरस (COVID-19) और व्यापार से संबंधित मुद्दों पर विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मध्य तनाव के रूप में देखा जा सकता है। अमेरिकी सीनेट (US Senate) द्वारा पास किये गए बिल के अनुसार, कंपनियों को यह प्रमाणित करना होगा कि वे किसी भी विदेशी सरकार के नियंत्रण में कार्य नहीं कर रही हैं। यह बिल अमरीकी कांग्रेस के निम्न सदन ‘प्रतिनिधि सभा’ (House of Representative) में भेजा जाएगा। ‘प्रतिनिधि सभा’ से पारित होने के पश्चात् इस बिल को कानून बनने के लिये राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा। 

हुनर ​​हाट

कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के बीच देश में एक बार पुनः ‘हुनर हाट’ का आयोजन किया जाएगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अनुसार, ‘हुनर हाट’ का आयोजन सितंबर 2020 में ‘लोकल से ग्लोबल’ थीम के साथ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते पाँच वर्षों में 5 लाख से अधिक भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोज़गार के अवसर प्रदान करने वाले ‘हुनर हाट’ के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान आम लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। देश के दूर-दराज़ के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका देने वाला ‘हुनर हाट’ स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का ‘प्रामाणिक ब्रांड’ बन गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि ‘हुनर हाट’ में सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, सैनिटाईज़ेशन और मास्क आदि की विशेष व्यवस्था की जाएगी, साथ ही इसमें एक ‘जान भी जहान भी’ पवेलियन होगा जहाँ लोगो को ‘पैनिक नहीं प्रीकॉशन’ की थीम पर जागरूकता पैदा करने वाली जानकारी दी जाएगी। ध्यातव्य है कि हुनर ​​हाट योजना के माध्यम से पारंपरिक शिल्पकला और रोज़गार सृजन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हुनर हाट के आयोजन के माध्यम से उत्पादों की बाज़ार तक पहुँच को भी आसान किया जा रहा है।

खादी फेस मास्क

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा गैर-चिकित्सा मास्क के निर्यात पर लगी रोक हटाने के बाद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) संयुक्त राज्य अमेरिका, दुबई और मॉरीशस जैसे देशों को खादी फेस मास्क (Khadi Face Masks) का निर्यात करने की योजना बना रहा है। KVIC को अब तक 8 लाख मास्क की आपूर्ति करने के आदेश मिले हैं, जिनमें से, लॉकडाउन अवधि के दौरान 6 लाख से अधिक मास्क की आपूर्ति की जा चुकी है। ये सभी आदेश राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और आम जनता से प्राप्त किये गए थे। वहीं लगभग 7.5 लाख से अधिक खादी मास्क ज़िला प्राधिकरण को मुफ्त में वितरित किये गए हैं। ध्यातव्य है कि खादी मास्क न केवल गुणवत्ता मानक पर खरा उतरता है बल्कि प्रभावी लागत, श्वास सुगमता, धोने योग्य और पुनः प्रयोग में लाने के साथ ही जैव अवरोधक भी है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956' के तहत एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है। यह भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of MSME) के अंतर्गत आने वाली एक मुख्य संस्था है।

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