रैपिड फायर
माउंट कंचनजंगा
- 31 May 2025
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स्रोत: TH
सिक्किम ने केंद्र सरकार से माउंट कंचनजंगा पर पर्वतारोहण गतिविधियों को प्रतिबंधित करने पर विचार करने का आग्रह किया है, क्योंकि राज्य के स्थानीय समुदायों के लिये इसका विशेष धार्मिक महत्त्व है।
- माउंट कंचनजंगा के संदर्भ में: यह भारत की सबसे ऊँची चोटी ( 8,568 मीटर) और दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, जो सिक्किम-नेपाल सीमा पर स्थित है।
- यह सिक्किम के आदिवासी लोगों के लिये पवित्र है और इसे संरक्षक देवता दोज़ो-नगा (फो-ल्हा) के निवास के रूप में पूजा जाता है।
- दोज़ो-नगा को सिक्किम के संरक्षक संत, उग्येन गुरु रिनपोछे (गुरु पद्मसंभव) द्वारा भूमि के संरक्षक के रूप में मान्यता दी गई है।
- लेप्चा समुदाय, जो पारंपरिक रूप से मुन धर्म का पालन करता है, के पुरोहितों को बोंगथिंग कहा जाता है। इस समुदाय की समृद्ध मौखिक परंपरा में कविताएँ, गीत और मिथक शामिल हैं।
- सिक्किम की ओर से आरोहण प्रतिबंधित है, लेकिन नेपाल की ओर से आरोहण की अनुमति है। इस पर्वत पर प्रथम बार वर्ष 1955 में चार्ल्स बैंड और जो ब्राउन ने सफलतापूर्वक आरोहण किया।
- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में: यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (2016) तथा यूनेस्को वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व (2018) का एक हिस्सा है।
- यह भारत का पहला मिश्रित विश्व धरोहर स्थल है, जो मैदानों, घाटियों, पहाड़ों, ग्लेशियरों, झीलों और जंगलों से युक्त अपने विविध पारिस्थितिकी तंत्र के लिये प्रसिद्ध है।
- यह पूर्वी हिमालयी जैवविविधता हॉटस्पॉट का हिस्सा है और उत्तरी सिक्किम में जोंगू घाटी विशेष रूप से औषधीय पौधों से समृद्ध है।
- जीव-जंतु: रक्त तीतर (सिक्किम का राज्य पक्षी), लाल पांडा, हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग आदि।
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