रैपिड फायर
चूना पत्थर पूर्णतः प्रमुख खनिज के रूप में वर्गीकृत
- 15 Oct 2025
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खान मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर चूना पत्थर को पूर्णतः प्रमुख खनिज के रूप में वर्गीकृत किया है। जिससे पहले कि अंतिम उपयोग के आधार पर गौण खनिज के रूप में वर्गीकरण समाप्त हो गया है तथा व्यापार सुगमता को बढ़ावा मिला है।
- इससे पहले चूना पत्थर को पहले अंतिम उपयोग के आधार पर गौण खनिज के साथ-साथ प्रमुख खनिज के रूप में भी वर्गीकृत किया गया था।
- चूना पत्थर: यह एक अवसादी चट्टान है, जो मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) से बनी होती है, जिसमें कभी-कभी डोलोमाइट, मिट्टी, लौह कार्बोनेट, फेल्डस्पार, पाइराइट और क्वार्ट्ज भी होते हैं।
- अधिकांश चूना पत्थरों की बनावट दानेदार होती है, जिसमें सूक्ष्म से लेकर दृश्यमान शैल टुकड़ों तक के कण शामिल हैं।
- महत्त्व: चूना पत्थर (Limestone) जीवाश्मों से समृद्ध होता है, जिससे पृथ्वी के इतिहास के अध्ययन में सहायता मिलती है तथा यह उर्वरकों के लिये फॉस्फेट का एक प्रमुख स्रोत भी है।
- 900-1000°C तक गर्म करने पर, चूना पत्थर चूना उत्पन्न करता है, जिसका व्यापक रूप से काँच निर्माण, कृषि और विभिन्न उद्योगों में उपयोग किया जाता है, जबकि कुछ किस्मों का उपयोग फर्श, आवरण और स्मारकों के लिये भवन निर्माण पत्थरों के रूप में किया जाता है।
- चूना पत्थर को एक प्रमुख खनिज के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने से उद्योगों में इसका मुक्त उपयोग संभव हो जाता है, जिससे उत्पादन, रोज़गार और समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
प्रमुख और गौण खनिज
- प्रमुख खनिज वे हैं जो खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की अनुसूची में सूचीबद्ध हैं, जिनमें आमतौर पर कैल्साइट, मिट्टी, कोयला, क्वार्ट्ज और अन्य शामिल हैं तथा आमतौर पर बड़े पैमाने पर औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किये जाते हैं।
- एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत राज्य सरकारों द्वारा तैयार किये गए लघु खनिज रियायत नियमों के तहत परिभाषित लघु खनिजों में मुख्य रूप से निर्माण और लघु उद्योगों में उपयोग की जाने वाली निम्न मूल्य की सामग्रियाँ शामिल हैं।
- इनमें भवन निर्माण के लिये पत्थर, बजरी, साधारण मिट्टी और सजावटी पत्थर जैसे संसाधन शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा गौण खनिज के रूप में अधिसूचित अन्य खनिज भी इस श्रेणी में शामिल हैं।
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