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उदारीकृत विप्रेषण योजना

  • 02 Jun 2025
  • 2 min read

स्रोत: IE

उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत भारत का बाहरी धन प्रेषण वित्त वर्ष 2025 में 29.56 बिलियन अमेरिकी डॉलर ( वित्त वर्ष 2024 में 31.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक कम हो गया, जो वैश्विक अनिश्चितताओं, धीमी घरेलू आय वृद्धि और पिछले वर्ष की तुलना में उच्च आधार प्रभाव के कारण भारतीय निवासियों द्वारा विदेशों में कम खर्च का संकेत देता है।

  • इसका मुख्य कारण अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में छात्र वीज़ा नियमों के सख्त होने के कारण छात्र धन प्रेषण में 16% की गिरावट है, जो 3.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

उदारीकृत धनप्रेषण योजना (LRS):

  • LRS: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा वर्ष 2004 में प्रति वित्तीय वर्ष 25,000 अमेरिकी डॉलर की प्रारंभिक सीमा के साथ शुरू की गई LRS अब निवासी व्यक्तियों को स्वीकृत चालू या पूंजी खाता लेन-देन के लिये प्रतिवर्ष 250,000 अमेरिकी डॉलर तक धन भेजने की अनुमति देती है 
  • पात्रता: केवल निवासी व्यक्ति ही पात्र हैं। इस योजना में कॉर्पोरेट, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), साझेदारी फर्म और ट्रस्ट शामिल नहीं हैं। 
  • निषिद्ध लेन-देन: लॉटरी टिकट, प्रतिबंधित पत्रिकाओं की खरीद , FTF  का अनुपालन न करने वाले देशों के साथ लेन-देन, किसी अन्य भारतीय निवासी के विदेशी खाते में विदेशी मुद्रा में उपहार देना आदि।
  • भारत में कोई विदेशी मुद्रा खाता नहीं: निवासी LRS के अंतर्गत भारत में विदेशी मुद्रा खाता नहीं खोल सकते।

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