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काराकोरम विसंगति

  • 25 Jul 2022
  • 4 min read

हाल ही में एक अध्ययन में इस बात की जाँच की गई कि दक्षिण-मध्य एशिया के काराकोरम रेंज के हिमनद अन्य स्थानों के हिमनदों की तरह जलवायु परिवर्तन से प्रभावित क्यों नहीं हुए हैं।

  • अध्ययनकर्त्ताओं ने काराकोरम विसंगति नामक इस घटना को पश्चिमी विक्षोभ (WDs) की हालिया पुनरुत्पति के लिये उत्तरदायी माना है।

काराकोरम विसंगति:

  • 'काराकोरम विसंगति' को हिमालय की अन्य निकटवर्ती पर्वत शृंखलाओं और दुनिया की अन्य पहाड़ी शृंखलाओं में हिमनद के पीछे हटने के विपरीत केंद्रीय काराकोरम में ग्लेशियरों की स्थिरता या असंगत वृद्धि के रूप में जाना जाता है।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:

  • यह पहली बार हुआ है कि जब कोई अध्ययन उस महत्त्व को सामने लाया है जो संचय अवधि के दौरान उस पश्चिमी विक्षोभ- वर्षा की मात्रा को बढ़ाता है जो क्षेत्रीय जलवायु विसंगति को संशोधित करने में भूमिका निभाता है।
    • पिछले अध्ययनों ने वर्षों से विसंगति को स्थापित करने और बनाए रखने में तापमान की भूमिका पर प्रकाश डाला है।
  • पश्चिमी विक्षोभ (WDs) सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र के लिये बर्फबारी का प्राथमिक कारक है।
  • अध्ययन से पता चलता है कि ये कुल मौसमी हिमपात के लगभग 65% और कुल मौसमी वर्षा के लगभग 53% के लिये उत्तरदायी हैं, अतः ये नमी के सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
  • इसके अलावा, पिछले दो दशकों में काराकोरम को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण वर्षा की तीव्रता में लगभग 10% की वृद्धि हुई है, जो क्षेत्रीय विसंगति को बनाए रखने में उकी भूमिका को और अधिक महत्त्वपूर्ण बनाता है।

काराकोरम श्रेणी:

  • काराकोरम एशिया के केंद्र में पर्वत शृंखलाओं के एक परिसर का हिस्सा हैं, जिसमें पश्चिम में हिंदूकुश, उत्तर-पश्चिम में पामीर, उत्तर-पूर्व में कुनलुन पर्वत और दक्षिण-पूर्व में हिमालय शामिल हैं।
  • काराकोरम अफगानिस्तान, चीन, भारत, पाकिस्तान और ताजिकिस्तान के कुछ हिस्सों को कवर करता है।

karakoram

हिमालय के ग्लेशियरों का महत्त्व:

  • हिमालय के ग्लेशियरों का भारतीय संदर्भ में विशेष रूप से उन लाखों निवासियों के लिये जो अपनी दैनिक जल आवश्यकताओं के लिये इन बारहमासी नदियों पर निर्भर करते हैं, बहुत महत्त्व है।
  • ये ग्‍‍लेशियर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के कारण तेज़ी से कम हो रहे हैं। आने वाले दशकों में जल संसाधनों पर दबाव कम करना बहुत ज़रूरी है।

विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: सियाचिन ग्लेशियर स्थित है: (2020)

(a) अक्साई चिन के पूर्व में
(b) लेह के पूर्व
(c) गिलगित के उत्तर में
(d) नुब्रा घाटी के उत्तर

उत्तर: (D)  

व्याख्या:

  • सियाचिन ग्लेशियर हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है, इसकी स्थिति प्वाइंट NJ9842 के उत्तर-पूर्व में है जहाँ भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है।
  • इसे ध्रुवीय और उपध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर सबसे बड़ा हिमनद होने की ख्याति प्राप्त है।
  • यह अक्साई चिन के पश्चिम में, नुब्रा घाटी के उत्तर में और गिलगित के लगभग पूर्व में स्थित है। अतः विकल्प (D) सही उत्तर है

स्रोत : पी.आई.बी.

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