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‘आप्रवासन वीज़ा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग’ (IVFRT) योजना

  • 28 Feb 2022
  • 2 min read

हाल ही में सरकार ने 1,364.88 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ ‘आप्रवासन वीज़ा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग’ (IVFRT) योजना को 31 मार्च, 2026 तक की अवधि के लिये जारी रखने की मंज़ूरी दी है।

IVFRT-Scheme

योजना के विषय में:

  • यह योजना आव्रजन, वीज़ा जारी करने, विदेशियों के पंजीकरण और देश में उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने से संबंधित कार्यों को आपस में जोड़ने और अनुकूलित करने का प्रयास करती है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य आप्रवास और वीज़ा सेवाओं का आधुनिकीकरण एवं उन्नयन करना है।
  • इसे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (National e-Governance Plan- NeGP) के तहत गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की जाने वाली मिशन मोड परियोजनाओं में से एक के रूप में पहचाना और शामिल किया गया है।
  • इस परियोजना का विस्तार वैश्विक स्तर तक है और यह विश्व भर में स्थित 192 भारतीय मिशनों, भारत में 108 आप्रवासन चेक पोस्ट, 12 विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी तथा कार्यालय एवं 700 से अधिक विदेशी पंजीकरण अधिकारी, पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपायुक्तों की सहायता से आव्रजन, वीज़ा जारी करने, विदेशियों के पंजीकरण और भारत में उनके आवागमन पर नज़र रखने से संबंधित कार्यों को आपस में जोड़ने व अनुकूलित करने का प्रयास करता है।
  • IVFRT के प्रारंभ होने के बाद जारी किये गए वीज़ा और ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया कार्ड की संख्या वर्ष 2014 के 44.43 लाख से बढ़कर 7.7% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से वर्ष 2019 में 64.59 लाख हो गई।

स्रोत: पी.आई.बी.

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