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अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC)

  • 12 Jul 2025
  • 4 min read

स्रोत: IE

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने रोम संविधि के अनुच्छेद 7(1)(h) के तहत अफगानिस्तान में व्यवस्थित लैंगिक और राजनीतिक उत्पीड़न को मानवता के विरुद्ध अपराध मानते हुए तालिबान नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये हैं।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC)

  • ICC: ICC विश्व का पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय है, जिसकी स्थापना वैश्विक रूप से सबसे गंभीर अपराधों के लिये व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिये की गई है। 
    • इसका मुख्यालय हेग, नीदरलैंड्स में है और यह रोम संविधि द्वारा शासित होता है, जो ICC की स्थापना संधि है। इसे 17 जुलाई, 1998 को अपनाया गया था तथा यह 1 जुलाई, 2002 से प्रभावी हुई।
  • ICC के अंतर्गत अपराध: रोम संविधि ICC को चार प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय अपराधों पर अधिकार क्षेत्र प्रदान करती है:
    • जनसंहार 
    • मानवता के विरुद्ध अपराध 
    • युद्ध अपराध 
    • आक्रामकता का अपराध
  • अधिकार क्षेत्र और अधिदेश: ICC गंभीर अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के लिये राज्यों पर नहीं, बल्कि व्यक्तियों पर मुकदमा चलाता है, जिसमे 1 जुलाई, 2002 के बाद किये गए अपराध (जिस दिन रोम संविधि लागू हुई थी) शामिल हैं।
    • यह तभी कार्य करता है जब राष्ट्रीय न्यायक्षेत्र मुकदमा चलाने के लिये अनिच्छुक या असमर्थ हो।
    • ICC का अधिकार क्षेत्र उन देशों में होता है जो रोम संविधि के पक्षकार हैं, या उन गैर-सदस्य देशों में जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा ICC को संदर्भित किया गया हो।
  • ICC के पक्षकार:
    • रोम संविधि को ब्रिटेन और अधिकांश यूरोपीय देशों सहित 125 देशों द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। 30 से अधिक अन्य देशों ने इस पर हस्ताक्षर तो किये हैं, लेकिन अभी तक इस संधि का अनुमोदन नहीं किया है।
    • अफगानिस्तान वर्ष 2003 से इसका सदस्य है, जबकि भारत , अमेरिका, इज़रायल, चीन जैसे देश ICC के पक्षकार नहीं हैं।
      • भारत ने अपनी संप्रभुता और न्यायालय की रूपरेखा में UNSC को प्रदत्त संदर्भ शक्तियों को लेकर आपत्ति जताई है।
  • संरचना: प्रेसीडेंसी, न्यायिक प्रभाग, अभियोजक का कार्यालय और रजिस्ट्री इसके 4 मुख्य अंग हैं।
    • सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से बनी राज्य दलों की सभा (ASP) विधायी निगरानी प्रदान करती है तथा ICC का उचित प्रशासन सुनिश्चित करती है।
  • प्रवर्तन: ICC के पास अपनी कोई पुलिस या प्रवर्तन तंत्र नहीं है। यह आरोपित व्यक्तियों की गिरफ्तारी, संपत्ति फ्रीज़ करना और अपने निर्णयों को लागू करने के लिये सदस्य देशों के स्वैच्छिक सहयोग पर निर्भर करता है।

और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC), ICJ कार्यवाही: दक्षिण अफ्रीका बनाम इज़रायल

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