रैपिड फायर
भारी जल के परीक्षण हेतु भारत की पहली प्राइवेट टेस्ट फैसिलिटी
- 29 Jul 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
मुंबई स्थित फर्म, TEMA इंडिया ने भारी जल उन्नयन उपकरणों के परीक्षण हेतु भारत की पहली प्राइवेट फैसिलिटी का शुभारंभ किया है, जो परमाणु क्षेत्र में सार्वजनिक-निज़ी सहयोग के एक नए चरण का प्रतीक है।
- यह फैसिलिटी प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर्स (PHWR) के लिये आवश्यक अपकृष्ट भारी जल (D₂O) के शुद्धिकरण में प्रयुक्त होने वाले आसवन कॉलम (Distillation Column) के निर्माण एवं परीक्षण में सक्षम होगी।
- परंपरागत रूप से यह कार्य भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) द्वारा किया जाता रहा है। इस कार्य के निज़ीकरण से परियोजना की समयसीमा में 1-2 वर्ष की कमी आने की संभावना है।
- भारी जल (D₂O): इसे ड्यूटीरियम ऑक्साइड भी कहते हैं- इसकी संरचना में 2 ड्यूटीरियम परमाणु और 1 ऑक्सीजन परमाणु है, यह गैर-रेडियोएक्टिव होता है।
- ड्यूटीरियम हाइड्रोजन का एक स्थिर समस्थानिक है, यह जल, हाइड्रोकार्बन आदि हाइड्रोजन यौगिकों में पाया जाता है
- परमाणु रिएक्टर निर्माण और रिफ्यूलिंग के दौरान भारी जल का उपयोग करते हैं। यह परमाणु रिएक्टर में शीतलक और मंदक दोनों के रूप में कार्य करता है, जो 99.9% शुद्ध होता है।
- संचालन के दौरान, भारी जल समाप्त हो जाता है और आसवन के माध्यम से इसकी शुद्धता बहाल करने और रिएक्टर के कुशल निष्पादन को बनाए रखने के लिये इसे उन्नत किया जाता है।
- भारत भारी जल का सबसे बड़ा वैश्विक उत्पादक है।
- भारत की परमाणु ऊर्जा: देश में उत्पादित कुल विद्युत में परमाणु ऊर्जा का योगदान लगभग 3% है। भारत में वर्तमान में 24 संचालित रिएक्टर हैं (जिनकी स्थापित क्षमता 8,780 मेगावाट है) और वर्ष 2032 तक 22.4 गीगावाट और वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट तक पहुँचने की योजना है।
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