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भारत ने CDRI के साथ मुख्यालय समझौते के अनुसमर्थन को मंज़ूरी दी

  • 30 Jun 2023
  • 4 min read

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure- CRDI) के बीच मुख्यालय समझौते (Headquarters Agreement- HQA) के अनुसमर्थन को मंज़ूरी दे दी है।

आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI): 

  • परिचय: 
    • CDRI एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसमें राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों तथा वित्तपोषण तंत्र, निजी क्षेत्र एवं शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों की वैश्विक भागीदारी शामिल है।  
  • लक्ष्य: 
    • इसका उद्देश्य सतत् विकास सुनिश्चित करने के लिये जलवायु और आपदा जोखिम रोधी अवसंरचनात्मक ढाँचा प्रणालियों का विकास करना है। 
  • सदस्य:  
  • मुख्यालय समझौते के अनुसमर्थन के लाभ: 
    • मुख्यालय समझौते का अनुसमर्थन करने से CDRI को छूट, प्रतिरक्षा एवं विशेषाधिकार प्रदान करने में सुविधा होगी जैसा कि संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और प्रतिरक्षा) अधिनियम, 1947 की धारा-3 में वर्णित है।
    • यह CDRI को एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में प्रभावी ढंग से कार्य करने और अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग करने में सक्षम बनाएगा।
    • इससे CDRI के संस्थापक सदस्य और मेज़बान देश के रूप में भारत की विश्वसनीयता तथा पहुँच में वृद्धि होगी।
  • भारत के लिये महत्त्व:  
    • CDRI भारत को जलवायु कार्यवाही और आपदा प्रबंधन में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने के लिये मंच प्रदान करता है।
    • यह भारत की भूमिका को बढ़ावा देता है लेकिन इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इसका अर्थव्यवस्था में कहीं अधिक व्यापक अर्थ है जैसे- आपदा जोखिम न्यूनीकरण, सतत् विकास लक्ष्य (SDG) और जलवायु समझौते के बीच तालमेल।

CDRI द्वारा की गई पहल:  

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर रेज़िलियेंट स्टेट्स (IRIS):
    • भारत ने CDRI के एक भाग के रूप में इस पहल की शुरुआत की है जो विशेष रूप से छोटे विकासशील द्वीपीय देश या SIDS में क्षमता निर्माण और पायलट परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर रेजिलिएंस एक्सेलेरेटर फंड:

स्रोत: पी.आई.बी.

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