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ब्रेन फ्लुइड डायनेमिक्स पर स्पेसफ्लाइट का प्रभाव

  • 19 Jun 2023
  • 6 min read

हाल ही में साइंटिफिक रिपोर्ट्स में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया था, जो विशेष रूप से लंबे मिशनों और उड़ानों के बीच रिकवरी अवधि के संबंध में मस्तिष्क पर स्पेसफ्लाइट के प्रभावों पर प्रकाश डालता है।

  • अध्ययन में अंतरिक्षयान से पहले और बाद में 30 अंतरिक्ष यात्रियों के MRI (चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग) स्कैन शामिल थे। इनमें प्रतिभागियों के दो सप्ताह के मिशन, छह महीने के मिशन और लंबे अभियानों सहित विभिन्न मिशन अवधि को शामिल किया गया। 

अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ: 

  • स्पेसफ्लाइट-प्रेरित मस्तिष्क परिवर्तन:
    • अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क में द्रव परिवर्तन होता है, वेंट्रिकल्स-सेरेब्रोस्पाइनल तरल पदार्थ से भरी गुहाओं के साथ-प्रगतिशील रूप से फैलता है।
      • सेरेब्रोस्पाइनल द्रव एक स्पष्ट, रंगहीन तरल पदार्थ है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को घेरता है तथा उसकी रक्षा करता है। यह मस्तिष्क के निलय में उत्पन्न होता है एवं पूरे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में प्रसारित होता है।
  • मिशनों के बीच रिकवरी समय:  
    • जिन अंतरिक्ष यात्रियों के ठीक होने में तीन वर्ष से अधिक समय लगा था उन्होंने अपने सबसे हालिया मिशन के बाद वेंट्रिकुलर आयतन में वृद्धि का अनुभव किया।
    • इसके विपरीत कम रिकवरी अवधि वाले लोगों ने स्पेसफ्लाइट के बाद कम-से-कम वेंट्रिकुलर वृद्धि का प्रदर्शन किया।
  • इंटर मिशन अंतराल और मस्तिष्क परिवर्तन के बीच संबंध:
    • लंबे समय तक इंटर-मिशन अंतराल को अंतरिक्ष उड़ान के बाद बाएँ व दाएँ पार्श्व और तीसरे निलय के घनत्व में अधिक वृद्धि से संबद्ध पाया गया है।
    • हालाँकि चौथे निलय ने विपरीत पैटर्न का प्रदर्शन किया जिसमें अंतर मिशन अंतराल की अवधि तुलनात्मक रूप से अधिक थी और यह अंतरिक्ष यात्रा के बाद घनत्व के तेज़ी से कम होने से संबद्ध थी।

शोध का महत्त्व 

  • अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तनों पर पिछले और वर्तमान दोनों के दौरान अंतरिक्ष यान के अनुभवों के प्रभाव को समझना महत्त्वपूर्ण है।
  • मस्तिष्क के प्रतिपूरक तंत्र (Compensatory Mechanisms) को इंट्राकैनायल द्रव के स्तर को सामान्य करने के लिये तीन वर्ष से अधिक के मिशन के बीच पर्याप्त रिकवरी अवधि पर विचार किये जाने की आवश्यकता है।
  • इन कारकों का निपटान करके भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को संभावित दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल प्रभाव से बेहतर ढंग से बचाया जा सकता है। 

मस्तिष्क निलय (Brain Ventricles):

  • परिचय: 
    • ब्रेन वेंट्रिकल्स मस्तिष्क के भीतर गुहाएँ हैं जो सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड (CSF) का उत्पादन और भंडारण करती हैं, यह मस्तिष्क तथा रीढ़ के चारों ओर परिसंचरण करती है जो उन्हें किसी प्रकार के आघात से बचाता है।
    • वे अपशिष्टों को निकालने तथा मस्तिष्क में पोषक तत्त्वों को पहुँचाने का कार्य करती हैं।
    • मस्तिष्क में चार निलय हैं: 
      • पहला और दूसरा निलय पार्श्व निलय हैं। ये सी-आकार की संरचनाएँ सेरेब्रल कॉर्टेक्स के प्रत्येक तरफ स्थित होती हैं जो मस्तिष्क की झुर्रीदार बाहरी परत है।
      • तीसरा निलय ब्रेन स्टेम के ठीक ऊपर दाएँ और बाएँ थैलेमस के बीच स्थित एक संकीर्ण, कीप के आकार की संरचना है। 
      • चौथा निलय हीरे के आकार की संरचना है जो ब्रेन स्टेम के साथ कार्य करती है।
        • इसमें चार छिद्र होते हैं जिनके माध्यम से मस्तिष्कमेरु द्रव मस्तिष्क के आस-पास के क्षेत्र (सबराचनोइड स्पेस) और रीढ़ की हड्डी की मध्यनलिका में प्रवाहित होता है।

  • कार्य: 
    • CSF परिसंचरण: निलय मस्तिष्क की मध्य रेखा में तीसरे निलय से जुड़े हुए हैं, विशेष रूप से पार्श्व निलय।
    • CSF इन वेंट्रिकल्स/निलय के माध्यम से प्रवाहित होता है और मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी के चारों ओर परिसंचरण करता है, जो अपशिष्ट उत्पादों को हटाने तथा बाह्य वातावरण को विनियमित करने में मदद करता है।
    • इंट्राकैनायल दबाव का विनियमन: वेंट्रिकल्स मस्तिष्क के भीतर उचित दबाव बनाए रखने में मदद करते हैं। CSF के उत्पादन, संचलन या अवशोषण में किसी भी व्यवधान से इंट्राकैनायल दबाव में असंतुलन हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप हाइड्रोसिफलस जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

स्रोत: द हिंदू

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