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हाइड्रोजन उत्पादन हेतु उच्च-एंट्रॉपी मिश्रधातु

  • 18 Feb 2025
  • 11 min read

स्रोत: बीएल

सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंस (CeNS), बेंगलुरु के शोधकर्त्ताओं ने जल के विद्युत अपघटन द्वारा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में रूपांतरण के जरिए बेहतर हाइड्रोजन उत्पादन के लिये विकसित एक नया, उच्च-एंट्रॉपी मिश्र धातु (HEA) आधारित उत्प्रेरक, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिये एक समाधान की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकता है, जो सतत् ऊर्जा उत्पादन के लिये प्लैटिनम जैसे महँगे धातु पर निर्भरता को कम करेगा।

  • मिश्र धातु और उच्च-एन्ट्रॉपी मिश्र धातु (HEAs): मिश्र धातु 2 या अधिक तत्त्वों से निर्मित धातु पदार्थ होती हैं, जबकि HEAs उन्नत धातु मिश्र धातु पदार्थ होते हैं जिनमें 5 या अधिक तत्त्व बराबर या समान अनुपात में मिश्रित किये जाते हैं। 
    • HEA उत्प्रेरक में प्लैटिनम, पैलेडियम, कोबाल्ट, निकल और मैंगनीज शामिल हैं।
  • HEAs में उच्च शक्ति, संक्षारण और घर्षणरोधी होती है, जो स्थायित्व सुनिश्चित करती है।

विद्युत अपघटन में HEA की भूमिका:

  • विद्युत अपघटन में एक उत्प्रेरक (जैसे प्लैटिनम) का उपयोग किया जाता है जिससे रासायनिक अभिक्रिया (सक्रियण ऊर्जा) शुरू करने के लिये आवश्यक ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा को कम किया जाता है जिससे जल, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन में विखंडित हो जाता है। 
  • HEA उत्प्रेरक प्लैटिनम के उपयोग को 7 गुना कम कर देता है, जिससे शुद्ध प्लैटिनम की तुलना में दक्षता में सुधार होता है, और क्षारीय समुद्री जल में 100+ घंटे तक स्थिर रहता है, जिससे लागत प्रभावी हाइड्रोजन उत्पादन संभव होता है।

और पढ़ें: हरित हाइड्रोजन और कार्बन-तटस्थ भविष्य

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