प्रारंभिक परीक्षा
क्लोरपाइरीफोस पर वैश्विक प्रतिबंध की मांग
- 02 May 2025
- 9 min read
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
जिनेवा में बेसल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम (BRS) कन्वेंशनों के लिये आयोजित कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज़ (COP), में यह प्रस्ताव रखा गया कि विषाक्त कीटनाशक क्लोरपाइरीफो (Chlorpyrifos) को स्टॉकहोम कन्वेंशन के परिशिष्ट-A (Annex A) में शामिल किया जाए, जिससे इस पर वैश्विक स्तर पर बिना किसी अपवाद के पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके।
- हालाँकि, भारत ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, यह कहते हुए कि इसके व्यवहारिक विकल्पों की अनुपलब्धता और खाद्य सुरक्षा पर संभावित खतरे के कारण ऐसा प्रतिबंध उपयुक्त नहीं है।
क्लोरपाइरीफोस क्या है?
- परिचय: क्लोरपाइरीफलोस एक कृत्रिम क्लोरीनयुक्त ऑर्गेनोफॉस्फेट (अल्कोहल के साथ फॉस्फोरिक एसिड को एस्टरीकृत करके बनाया गया) कीटनाशक है जिसका उपयोग कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य में दीमक, मच्छरों और गोल कृमियों जैसे कीटों को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है ।
- यह एसिटाइलकोलिनेस्टरेज़ नामक एंज़ाइम को अवरुद्ध करके कार्य करता है, जो तंत्रिका क्रिया के लिये आवश्यक होता है। इसका प्रभाव केवल लक्षित कीटों पर ही नहीं, बल्कि अन्य जीवों (non-target species) सहित मानवों पर भी पड़ता है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: त्वचा के संपर्क, श्वास के माध्यम से, या निगलने के जरिये इसके संपर्क में आने से सिरदर्द, मतली, चक्कर आना, मांसपेशियों में ऐंठन, और गंभीर मामलों में लकवा (paralysis) तथा साँस लेने में कठिनाई हो सकती है।
- यह शरीर में एक विषैला उपोत्पाद (क्लोरपाइरीफोस ऑक्सन) बनाता है, जो इन प्रभावों का कारण बनता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: यह रसायन मिट्टी में कई सप्ताह से लेकर वर्षों तक बना रह सकता है, विशेषकर अम्लीय परिस्थितियों में यह बहुत धीरे-धीरे विघटित होता है, और मृदा क्षरण के माध्यम से जल स्रोतों को प्रदूषित कर सकता है।
- यह पक्षियों (जैसे रॉबिन, मॉलर्ड), मछलियों, मधुमक्खियों और केचुओं के लिये अत्यधिक विषैला है, जो भोजन श्रृंखला में जैव संचयन (Bioaccumulation) कर सकता है।
- भारत में उपयोग:
- भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला कीटनाशक क्लोरपाइरीफोस (2016-17 में कुल कीटनाशक खपत का 9.4%) वर्ष 1977 से कीटनाशक अधिनियम के तहत पंजीकृत है। (IPEN रिपोर्ट)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे मध्यम रूप से खतरनाक तथा यूरोपीय पर्यावरण संरक्षण एजेंसी द्वारा संभावित कैंसरकारी पदार्थ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसके अवशेष उत्पाद, जल, रक्त और स्तन के दूध में पाए जाते हैं।
- भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला कीटनाशक क्लोरपाइरीफोस (2016-17 में कुल कीटनाशक खपत का 9.4%) वर्ष 1977 से कीटनाशक अधिनियम के तहत पंजीकृत है। (IPEN रिपोर्ट)
स्टॉकहोम कन्वेंशन क्या है?
- स्टॉकहोम कन्वेंशन ऑन पर्सिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स (POP) एक वैश्विक संधि है जिसे वर्ष 2001 में अपनाया तथा वर्ष 2004 में लागू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को पर्सिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स (POP) से बचाना है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- एनेक्स A: सूचीबद्ध रसायनों का उन्मूलन
- उदाहरण: एल्ड्रिन, क्लोरडेन, डाइएलड्रिन, एंड्रिन, हेप्टाक्लोर, हेक्साक्लोरोबेंज़ीन, मिरेक्स, पॉलीक्लोरीनेटेड बाइफिनाइल्स
- एनेक्स B: सूचीबद्ध रसायनों पर प्रतिबंध
- एनेक्स C: सूचीबद्ध रसायनों के अनैच्छिक उत्सर्जन में कमी
- एनेक्स A: सूचीबद्ध रसायनों का उन्मूलन
- वित्तीय तंत्र: वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) स्टॉकहोम कन्वेंशन के लिये निर्दिष्ट अंतरिम वित्तीय तंत्र के रूप में कार्य करती है, जो विकासशील देशों को इसके दायित्वों को लागू करने में सहायता करती है।
- भारत और स्टॉकहोम कन्वेंशन: भारत ने वर्ष 2006 में स्टॉकहोम कन्वेंशन की पुष्टि की। स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP) को विनियमित करने के लिये, MoEFCC ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत 'स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों के विनियमन नियम, 2018' को अधिसूचित किया।
POP क्या हैं?
- परिचय: स्थायी कार्बनिक प्रदूषक (POP) विषाक्त, कार्बन-आधारित रासायनिक पदार्थ हैं जो पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं, अपघटन का विरोध करते हैं, और जीवित जीवों में संचित होते हैं।
- स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रभाव: कैंसर, प्रतिरक्षा दमन (Immune Suppression), न्यूरोटॉक्सिसिटी, प्रजनन संबंधी विकार और अंतःस्रावी व्यवधान उत्पन्न कर सकता है और इसके संपर्क में आने से तीव्र और दीर्घकालिक दोनों तरह के प्रभाव हो सकते हैं।
- जैवसंचय: POP समय के साथ जीवित जीवों के वसा ऊतकों में संचित हो जाते हैं।
- जैव आवर्द्धन: जैसे-जैसे वे खाद्य शृंखला में ऊपर की ओर बढ़ते हैं, उनकी सांद्रता बढ़ती जाती है, जिससे शीर्ष शिकारी और मनुष्य प्रभावित होते हैं।
- उदाहरण:
- एंडोसल्फान: कई देशों में प्रतिबंधित; अंतःस्रावी व्यवधान (Endocrine Disruption) के लिये जाना जाता है।
- DDT: भारत में कृषि के लिये प्रतिबंधित है, लेकिन अभी भी वेक्टर नियंत्रण के लिये उपयोग किया जाता है (उदाहरण के लिये, मलेरिया-प्रवण क्षेत्रों में मच्छरों का धूमन)।
- अन्य में एल्ड्रिन, डाइएलड्रिन, PCB और टोक्साफीन शामिल हैं।
पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक कीजिये: बेसल कन्वेंशन और रॉटरडैम कन्वेंशन
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |