रैपिड फायर
स्वतंत्रता सेनानी हेमम नीलमणि सिंह
- 17 Jul 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित एक मरणोपरांत सम्मान समारोह के दौरान भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) से जुड़े मणिपुर के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी हेमम नीलमणि सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हेमम नीलमणि सिंह
- हेमम नीलमणि सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और मणिपुर के पूर्व उप-शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में, विशेष रूप से पूर्वोत्तर में, अहम भूमिका निभाई और स्वतंत्रता के बाद शैक्षिक एवं भाषाई सुधारों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- प्रारंभिक जीवन और INA में भूमिका:
- हेमम नीलमणि सिंह का जन्म वर्ष 1915 में हुआ था। वे गांधी जी एवं सुभाष चंद्र बोस के सिद्धांतों से प्रभावित थे, लेकिन बोस के सिद्धांतों के प्रति उनका रुझान अधिक था तथा वर्ष 1944 में वे INA में शामिल हो गए।
- उन्होंने वर्ष 1944 में इम्फाल की लड़ाई और 14 अप्रैल, 1944 को मोइरांग में भारतीय तिरंगा फहराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो पहली बार भारत में फहराया गया था।
- वह वर्ष 1945 तक गिरफ्तारी से बचते रहे, बाद में अंग्रेज़ों ने उन्हें कैद कर लिया और वर्ष 1946 में रिहा कर दिया।
- स्वतंत्रता के बाद के योगदान:
- मणिपुर के उप शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा सुधार और महिला सशक्तीकरण में प्रमुख पहलों का नेतृत्व किया तथा उच्च शिक्षा तक बेहतर पहुँच का समर्थन किया।
- उन्होंने मणिपुर के मोइरांग कोंजेंगबाम में स्थित अपने निजी निवास को भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के मुख्यालय के रूप में उपयोग के लिये दान कर दिया था।
- राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिये मणिपुर में हिंदी को एकीकृत भाषा के रूप में प्रोत्साहन दिया और मोइरांग कॉलेज में विज्ञान संकाय शुरू होने तक दिन में केवल एक बार भोजन करके सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत किया।
- विरासत: हेमम नीलमणि सिंह को मणिपुर के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अतुलनीय योगदान के लिये राज्य के पहले मुख्यमंत्री मैरेंबाम कोइरेंग सिंह के साथ अक्सर एक अविभाज्य व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाता है। उनकी स्मृति और सेवा के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत भारत विकास परिषद तथा मणिपुर सरकार द्वारा सम्मानित किया गया।
भारत विकास परिषद
- भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद से प्रेरित एक स्वैच्छिक संगठन है, जिसकी स्थापना मूलरूप से वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान जनता का समर्थन जुटाने के लिये लाला हंस राज और सूरज प्रकाश द्वारा नागरिक परिषद के रूप में की गई थी।
- वर्ष 1963 में इसका नाम बदलकर भारत विकास परिषद कर दिया गया।
पूर्वोत्तर भारत के स्वतंत्रता सेनानी
राज्य |
स्वतंत्रता सेनानी |
अरुणाचल प्रदेश |
मातमुर जमोह |
असम |
मणिराम दीवान (मनीराम दत्ता बरुआ) |
तरुण राम फुकन |
|
नबीन चंद्र बोरदोलोई |
|
हेम बरुआ |
|
कुशल कोंवार |
|
मेघालय |
तिरोत सिंह |
यू कियांग नांगबाह |
|
पा तोगन नेंगमिनजा संगमा |
|
सोनाराम आर. संगमा |
|
मणिपुर |
वीर टीकेंद्रजीत सिंह |
मेजर जनरल पाओना ब्रजबासी |
|
हाइपो जादोनांग |
|
रानी गाइदिन्ल्यू |
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