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बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम

  • 22 Feb 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी. आई. बी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (DoWR, RD & GR) द्वारा प्रस्तावित केंद्र प्रायोजित योजना यानी “बाढ़ प्रबंधन एवं सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (FMBAP)” को वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक जारी रखने की मंज़ूरी दे दी है। 

  • FMBAP में दो घटक शामिल हैं: बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (FMP) और नदी प्रबंधन तथा सीमा क्षेत्र (RMBA)।
  • बाढ़ नियंत्रण, कटाव-रोधी, जल निकासी व्यवस्था और समुद्री कटाव-रोधी कार्यों हेतु FMP घटक।
    • फंडिंग पैटर्न:
      • वित्त पोषण का पालन किया जाने वाला पैटर्न 90 प्रतिशत (केंद्र): विशेष श्रेणी के राज्यों के लिये (8 उत्तर-पूर्वी राज्य और पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर) 10 प्रतिशत (राज्य) तथा 60 प्रतिशत (केंद्र): सामान्य/गैर-विशेष श्रेणी के राज्यों के लिये 40 प्रतिशत (राज्य) है।
  • RMBA घटक (100% केंद्रीय सहायता) बाढ़ नियंत्रण, कटाव-रोधी कार्यों और पड़ोसी देशों के साथ संयुक्त जल परियोजनाओं सहित सीमावर्ती नदियों पर सुरक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर केंद्रित है।
  • यह योजना राज्यों को बाढ़ मैदान का क्षेत्रीकरण (Flood Plain Zoning) को लागू करने के लिये प्रोत्साहित करती है, जो एक प्रभावी बाढ़ प्रबंधन उपाय है।
    • बाढ़ मैदान का क्षेत्रीकरण बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों को निर्दिष्ट करता है और बाढ़ के दौरान क्षति को कम करने के लिये अनुमेय विकास को निर्देशित करता है।

और पढ़ें: बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (FMBAP)

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