प्रारंभिक परीक्षा
सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट और PM-POSHAN
- 21 May 2025
- 7 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (PM-POSHAN) योजना के प्रदर्शन, योजना और बजट की समीक्षा के लिये एक बैठक आयोजित की। इस समीक्षा में 23 राज्यों में सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट का खुलासा हुआ।
सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट के रुझान क्या हैं?
- स्कूल नामांकन में गिरावट: शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के लिये 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नामांकन में महत्त्वपूर्ण गिरावट का खुलासा किया है, जिसमें से कुछ में 1 लाख से अधिक छात्रों की गिरावट देखी गई है।
- इसमें उत्तर प्रदेश (21.83 लाख), बिहार (6.14 लाख), राजस्थान (5.63 लाख) और पश्चिम बंगाल (4.01 लाख) का स्थान है।
नामांकन में गिरावट: शीर्ष 5 राज्य
राज्य |
नामांकन (2023-24) |
नामांकन (2024-25) |
गिरावट |
उत्तर प्रदेश |
1.74 करोड़ |
1.52 करोड़ |
21.83 लाख |
बिहार |
1.79 करोड़ |
1.73 करोड़ |
6.14 लाख |
राजस्थान |
62.65 लाख |
57.02 लाख |
5.63 लाख |
पश्चिम बंगाल |
1.17 करोड़ |
1.13 करोड़ |
4.01 लाख |
कर्नाटक |
43.49 लाख |
41.33 लाख |
2.15 लाख |
- नामांकन में गिरावट के कारक:
- डेटा संग्रह पद्धति में परिवर्तन: स्कूल-वार (कुल संख्या) से छात्र-वार रिपोर्टिंग (नाम, पता, माता-पिता के नाम और आधार विवरण) में परिवर्तन से पुराने रिकॉर्ड एवं झूठी प्रविष्टियाँ समाप्त हो गईं, जैसे कि "अप्रत्याशित" छात्र जो वास्तव में स्कूल नहीं जाते हैं।
- निजी स्कूल की ओर रुख: कई राज्यों का सुझाव है कि कोविड के बाद के वर्षों में सरकारी से निजी स्कूलों में नामांकन में बदलाव देखा गया है, जो महामारी के दौरान देखी गई प्रवृत्तियों को उलट देता है।
पीएम-पोषण योजना क्या है?
- पीएम-पोषण: पीएम-पोषण सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 8 तक के छात्रों को एक समय का गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिये एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- प्रारंभिक पाँच वर्ष की अवधि (वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26) के लिये शुरू की गई, इसने पहले की मध्याह्न भोजन योजना (MDM) की जगह ले ली।
- वर्ष 1995 में शुरू की गई MDM योजना विश्व का सबसे बड़ा स्कूल भोजन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है।
- प्रारंभिक पाँच वर्ष की अवधि (वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26) के लिये शुरू की गई, इसने पहले की मध्याह्न भोजन योजना (MDM) की जगह ले ली।
- लागत साझाकरण: इसकी लागत केंद्र और राज्यों द्वारा 60:40 के आधार पर साझा की जाती है, जिसमें केंद्र खाद्यान्न की आपूर्ति करता है।
- पात्रता: प्राथमिक (कक्षा 1-5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6-8) के छात्रों को प्रतिदिन 100 ग्राम एवं 150 ग्राम खाद्यान्न मिलता है, जिससे 700 कैलोरी सुनिश्चित होती है।
- यह आकांक्षी ज़िलों और उच्च एनीमिया दर वाले क्षेत्रों के बच्चों के लिये अतिरिक्त पोषण (जैसे, दूध या अंडे) भी प्रदान करता है।
- प्रमुख प्रावधान:
- पोषण उद्यान: इसके तहत छात्रों को अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्त्व प्रदान करने के क्रम में स्कूल पोषण उद्यानों को बढ़ावा देना शामिल है।
- तिथि भोजन: तिथि भोजन कार्यक्रम (जिसके तहत विभिन्न समुदाय त्योहारों जैसे विशेष अवसरों पर बच्चों को भोजन उपलब्ध कराते हैं) का व्यापक प्रचार किया जा रहा है।
- पोषण विशेषज्ञ: प्रत्येक स्कूल के लिये बॉडी मास इंडेक्स (BMI), वज़न और हीमोग्लोबिन की निगरानी के लिये एक पोषण विशेषज्ञ की नियुक्ति का प्रावधान है।
- सामाजिक अंकेक्षण: इस योजना के कार्यान्वयन का आकलन करने के क्रम में सभी स्कूलों में सामाजिक अंकेक्षण अनिवार्य करने के साथ स्थानीय स्तर पर निगरानी के लिये कॉलेज के छात्रों को भी शामिल किया गया है।
- वोकल फॉर आत्मनिर्भर भारत: इसके तहत कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) और महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने के क्रम में स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देना शामिल है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन (नेशनल न्यूट्रिशन मिशन)' के उद्देश्य हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) |