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चंद्रयान-5 (LUPEX)

  • 16 May 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग और ISRO के चंद्रयान-4 मिशन द्वारा प्रस्तावित लूनर सैंपल की वापसी के बाद, भारत और जापान ने मिलकर आगामी चंद्रयान-5 (LUPEX) मिशन की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह और उसके नीचे की परतों का अध्ययन कर चंद्रमा पर जल और हिमनद के भंडारों का पता लगाना है।

  • चंद्रयान-5, जिसे LUPEX (लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन) भी कहा जाता है, ISRO (भारत) और JAXA (जापान की अंतरिक्ष एजेंसी) का संयुक्त चंद्र मिशन है, जिसे वर्ष 2027-28 में जापान के H3 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाना है।
    • रोवर का विकास JAXA करेगा और लैंडर ISRO द्वारा बनाया जाएगा।
    • यह मिशन सात वैज्ञानिक उपकरण ले जाएगा, जिनमें ESA द्वारा बनाया गया मास स्पेक्ट्रोमीटर और NASA द्वारा निर्मित न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं।
  • मिशन के उद्देश्य:
    • चंद्रमा पर जल उपस्थिति का मानचित्रण।
    • चंद्र ग्रह की मिट्टी (रेगोलिथ) की खुदाई कर जल की मात्रा, गुणवत्ता और संघटन का विश्लेषण।
    • स्पेक्ट्रोमीटर और सेंसर का उपयोग करके स्थानिक (इन-सिटू) वैज्ञानिक अवलोकन करना।
  • यह एक प्रस्तावित 100 दिनों (3.5 महीने) का मिशन है, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाने की संभावना है, और इसका उद्देश्य चंद्रमा के दूरस्थ पक्ष का अन्वेषण करना है।
  • चंद्रयान-4 एक लूनर सैंपल की वापसी मिशन होगा, जिसे चंद्रयान-5 से पहले निर्धारित किया गया है।
  • चंद्रयान-3 ने वर्ष 2023 में भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंड करने वाला पहला देश बनाया।

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