प्रारंभिक परीक्षा
भारत 6G विज़न
- 16 May 2025
- 6 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
भारत ने ‘भारत 6G 2025’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान 6G प्रौद्योगिकी की वैश्विक दौड़ में अग्रणी बनने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें 6G को एक सभ्यता-स्तरीय अवसर के रूप में रेखांकित किया गया, जिसमें रूपांतरण की व्यापक क्षमता निहित है, जो भारत 6G विज़न के अनुरूप है।
भारत 6G विज़न क्या है?
- परिचय: वर्ष 2023 में प्रारंभ किया गया भारत 6G विज़न सुलभता, स्थिरता और सार्वत्रिकता के सिद्धांतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य भारत को वर्ष 2030 तक छठी पीढ़ी (6G) की दूरसंचार प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करना है।
- महत्व: यह भारत की मज़बूत 5G आधारशिला पर आधारित है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2024 तक 4.35 लाख से अधिक 5G बेस स्टेशन स्थापित किये जा चुके हैं।
- इसका उद्देश्य केवल संचार प्रणाली में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में, वह भी भविष्य-उन्मुख, सुरक्षित और हरित नेटवर्क (ऊर्जा-कुशल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों) के माध्यम से परिवर्तन लाना है।
- विज़न की विशेषताएँ:
- समयसीमा: यह वर्ष 2022 से 2031 तक की 9-वर्षीय चरणबद्ध मिशन है, जिसमें प्रमुख बिंदु शामिल हैं जैसे: अनुसंधान एवं विकास (R&D) में महत्त्वपूर्ण सफलताएँ, फील्ड ट्रायल्स, अंतर्राष्ट्रीय 6G मानकों में योगदान
- बुनियादी ढाँचा: देश में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने हेतु दो उन्नत परीक्षण मंचों – 6G टेराहर्ट्ज़ (THz) टेस्टबेड तथा एडवांस्ड ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेस्टबेड की स्थापना की जा रही है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में 100 5G प्रयोगशालाएँ स्वीकृत की गईं हैं, जिससे क्षमता निर्माण तथा 6G के लिये तैयार अकादमिक एवं स्टार्टअप पारितंत्र का विकास किया जा सके।
- भारत 6जी एलायंस: यह एक राष्ट्रीय मंच है, जो शैक्षणिक जगत, स्टार्टअप्स, अनुसंधान संस्थानों, उद्योगों तथा नीति निर्माताओं को एक साथ लाकर 6G प्रौद्योगिकियों के विकास एवं कार्यान्वयन को गति देने का कार्य करता है।
- ITU 2030 के साथ संरेखण: भारत का 6जी विज़न अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल प्रौद्योगिकी (IMT) 2030 ढाँचे के अनुरूप है, जो सर्वव्यापक कनेक्टिविटी, अंतरसंचालनीयता, तथा स्थायित्व जैसी वैश्विक क्षमताओं में योगदान देता है।
6G तकनीक क्या है?
- 6G, वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी की छठी पीढ़ी संबंधित है।
- इसका उद्देश्य 5G की तुलना में और भी अधिक तीव्र डेटा (संभावित रूप से 1 टेराबाइट्स प्रति सेकंड तक) और लोअर लेटेंसी (100 माइक्रोसेकंड तक) प्रदान करना है।
- अनुमान है कि 6G द्वारा नए अनुप्रयोग सक्षम होने के साथ हाइपर-कनेक्टिविटी, इमर्सिव अनुभव एवं ऑटोमेशन द्वारा हमारे रहने और कार्य करने के तरीके में बदलाव आएगा।
- IMT 2030: संयुक्त राष्ट्र की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के लिए विशेष एजेंसी ITU द्वारा 6G प्रौद्योगिकी को '‘IMT 2030' नाम दिया गया है।
- ITU 6G फ्रेमवर्क संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के सहयोगात्मक प्रयासों से तैयार किया गया है, जिसमें भारत ने शुरूआत से ही अग्रणी भूमिका निभाई है।
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