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रानी लक्ष्मीबाई की जयंती
- 20 Nov 2025
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भारत के प्रधानमंत्री ने रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
- रानी लक्ष्मीबाई: इन्हें मणिकर्णिका के नाम से भी जाना जाता है। यह मराठा शासित झाँसी रियासत की रानी और सन् 1857 के विद्रोह की अग्रणी व्यक्तित्वों में से एक थीं।
- वे ब्रिटिश शासन के विरुद्ध साहस और प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में स्मरण की जाती हैं।
- प्रारंभिक जीवन: इनका जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी में मणिकर्णिका के रूप में हुआ था, रानी लक्ष्मीबाई ने बचपन में ही घुड़सवारी, बंदूक चलाना और तलवारबाज़ी का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- उनके बालसखा नाना साहेब और तात्या टोपे थे, जो आगे चलकर सन् 1857 के विद्रोह के प्रमुख नेता बने।
- मणिकर्णिका से रानी लक्ष्मीबाई: 14 वर्ष की आयु में मणिकर्णिका का विवाह महाराजा गंगाधर राव से हुआ और वे रानी लक्ष्मीबाई बनीं।
- अपने नवजात पुत्र की मृत्यु के बाद, उन्होंने और महाराजा ने उत्तराधिकार सुरक्षित करने के लिये राजपरिवार के दामोदर राव को गोद लिया।
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका: 1853 में महाराजा की मृत्यु के बाद ब्रिटिशों ने हड़प नीति का हवाला देते हुए दामोदर राव के दावे को खारिज कर दिया। यह नीति किसी शासक की बिना किसी स्वाभाविक पुरुष उत्तराधिकारी के मृत्यु होने पर रियासत का विलय करने की अनुमति देती थी।
- रानी लक्ष्मीबाई ने इसका प्रखर विरोध किया और 1857 के विद्रोह में अपनी सेना का नेतृत्व किया। वे 17 जून, 1858 को युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुईं।
- विरासत: सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित भारतीय राष्ट्रीय सेना ने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के योगदान के सम्मान में झाँसी की रानी के नाम पर एक महिला रेजिमेंट का गठन किया।
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