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बिहार की पुनौरा धाम परियोजना

  • 22 Dec 2023
  • 4 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस  

बिहार राज्य सरकार द्वारा हाल ही में सीतामढ़ी ज़िले में स्थित एक मंदिर परिसर, पुनौरा धाम को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये एक परियोजना को मंज़ूरी दे दी गई है।

  • पुनौरा धाम को भगवान श्री राम की पत्नी तथा हिंदू धर्म में पूजनीय देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है।
  • इस पहल का उद्देश्य मिथिला की संस्कृति तथा धरोहर को बढ़ावा देना है, यह वह क्षेत्र है जहाँ माता सीता का जन्म और पालन-पोषण हुआ था।

नोट: वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण के अनुसार, जब मिथिला के शासक राजा जनक भूमि पर हल चला रहे थे तब सीता का अवतरण एक कुंड से हुआ था।

  • उन्होंने उन्हें अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया तथा उनका नाम ‘सीता’ रखा, जिसका संस्कृत में अर्थ "खाड़ी" होता है। उन्होंने उन्हें जानकी नाम भी दिया, जिसका अर्थ "जनक की पुत्री" होता है।

मिथिला के प्रमुख सांस्कृतिक पहलू क्या हैं?

  • ऐतिहासिक महत्त्व:
    • मिथिला का एक समृद्ध तथा प्राचीन इतिहास रहा है, जिसका इतिहास वैदिक काल (1500-500 ईसा पूर्व) से प्रारंभ है, उस दौरान यह भारत के 16 महाजनपदों में से एक था।
    • मिथिला, जिसे तिरहुत अथवा तिरभुक्ति के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है जिसमें दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा एवं बिहार व नेपाल के निकटवर्ती क्षेत्र शामिल हैं।
      • इसके उत्तर में हिमालय, दक्षिण में गंगा, पश्चिम में गंडकी नदी तथा पूर्व में महानंदा नदी है।
      • इसे महला के नाम से भी जाना जाता है जिसका उल्लेख बिहार, बंगाल एवं उड़ीसा के संयुक्त प्रांतों के राजस्व रिकॉर्ड में किया गया है।
    • इस पर विदेह जनक वंश का शासन था।
  • भाषा और साहित्य:
    • मिथिला की मुख्य भाषा मैथिली है जो इंडो-आर्यन परिवार से संबंधित है।
      • मैथिली की एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा रही है, कवि विद्यापति (1352-1448 ई.) द्वारा इस भाषा में प्रेम एवं भक्ति के प्रसिद्ध गीत लिखे गये हैं।
      • मैथिली साहित्य में महाकाव्य, नाटक, लोककथाएँ तथा संतों एवं नायकों की जीवनियाँ भी शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक धरोहर: 
    • मिथिला पेंटिंग अपनी अनूठी शैली के लिये प्रसिद्ध है, जिसे मधुबनी अथवा मिथिला पेंटिंग के रूप में जाना जाता है, जो चमकीले मिट्टी के प्राकृतिक रंगों तथा ज्यामितीय पैटर्न का उपयोग करके बनाई जाती है।
      • ये पेंटिंग हिंदू पौराणिक कथाओं, विशेष रूप से रामायण और साथ ही वनस्पतियों, जीवों व सामाजिक घटनाओं के दृश्यों को दर्शाती हैं।
  • GI टैग:
    • मिथिला मखाना अथवा मखान (वानस्पतिक नाम: यूरयाले फेरोक्स सैलिस्ब) बिहार तथा नेपाल के मिथिला क्षेत्र में खेती की जाने वाली जलीय मखाने की एक विशेष किस्म है। इसे GI (भौगोलिक संकेत) टैग का दर्जा भी प्राप्त है।
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