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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

जीका एवं डेंगू में होते है एकसमान लक्षण

  • 10 Apr 2017
  • 4 min read

संदर्भ
गौरतलब है कि हाल ही में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, जीका तथा डेंगू के वायरस में एक समानता पाई गई है| ध्यातव्य है कि हाल ही में हुई एक रिसर्च से प्राप्त परिणामों में वैज्ञानिकों द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि जीका, डेंगू और चिकुनगुनिया के वायरस की संरचना एकसमान होती है|

प्रमुख बिंदु

  • ये सभी फ्लैवी वायरस (flavi virus) नामक एक ही परिवार से सम्बन्धित रोग है|
  • जीका वायरस की संरचना की जटिलताओं के विषय में जानने के पश्चात् वैज्ञानिकों ने भारत के कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे-द इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटैक्नोलॉजी, नई दिल्ली के वैज्ञानिकों की सहायता से इस विषय में गंभीर अध्ययन किया |
  • इस अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि यदि कोई व्यक्ति एक बार जीका का उपचार कराता है तो मात्र एकबार के उपचार से इसकी पूर्णतया रोकथाम हो पाना संभव नहीं होता है|

समानता

  • जैसा की हम सभी जानते हैं कि जीका का प्रसार एडीज़ एजिप्टी (Aedes Aegypti) नामक मच्छर के कारण होता है| ध्यातव्य है कि यह वही मच्छर है, जिससे डेंगू का भी प्रसार होता है| 
  • हालाँकि जैसा की ज्ञात है कि भारत में अभी तक जीका का प्रसार नहीं हुआ है परन्तु डेंगू यहाँ एक स्थानिक रोग के रूप में पहले से ही उपस्थित है|
  • ध्यातव्य है कि प्रत्येक पाँच में से केवल एक व्यक्ति में ही जीका के स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं जबकि बाकी के चार व्यक्तियों में ये लक्षण गुप्त रूप से विद्यमान होते हैं| इन लोगों में वायरस का असर तो अवश्य होता है परन्तु इसके लक्षण स्पष्ट रुप से दिखाई नहीं देते हैं| ज़ाहिर है ये न प्रकट होने वाली लक्षण ही दूसरे लोगों को संक्रमित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाते है|
  • विदित हो कि भारत में, डेंगू से संक्रमित रोगियों की एक बहुत बड़ी संख्या निवास करती है जिसके लक्षण जीका वायरस के ही समान होते है|
  • अतः ऐसी किसी भी स्थिति में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि इन दोनों ही रोगों के मध्य अन्तर स्पष्ट किया जाए ताकि इस रोगों के उपचार के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की का सकें|
  • वस्तुतः ऐसा करने के लिये आवश्यक रूप से प्रभावी शोध एवं प्रयोगों की आवश्यकता है| यह इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में जीका संक्रमित देशों में यह वायरस तकरीबन समाप्ति की अवस्था में है परन्तु जिन देशों में इसके संक्रमण का खतरा है यथा भारत, उन देशों में न केवल इसके प्रभावों में वरन् इससे पीड़ित लोगों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है|
  • विदित हो कि डेंगू और जीका से प्रभावित रोगी के लक्षण (फ्लू,थकन और शरीर में दर्द) एकसमान होते हैं| यही कारण है कि इन दोनों वायरस में विशिष्ट अंतर का पता लगाने के लिये नई इंजीनियरिंग तकनीक की शुरुआत की जा रही है|
  • यद्यपि अभी तक जीका वायरस के भारत में उपस्थित होने के कोई स्पष्ट साक्ष्य सामने नहीं आए है फिर भी यह चिंता का विषय बना हुआ है|
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