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सामाजिक न्याय

अनैच्छिक गर्भधारण से खतरा

  • 02 Nov 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

विश्व स्वास्थ्य संगठन

मेन्स के लिये:

अनैच्छिक गर्भधारण के कारण एवं प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 36 देशों में किये गए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि अनैच्छिक गर्भधारण (Unintended Pregnancy) बच्चे और माँ दोनों के स्वास्थ्य जोखिमों की व्यापकता को बढ़ा देता है। अध्ययन के अनुसार, अनैच्छिक गर्भधारण की उच्च दर का संबंध परिवार नियोजन सेवाओं में विद्यमान कमियों से है।

प्रमुख बिंदु:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के अनुसार, अध्ययन में शामिल दो-तिहाई महिलाओं ने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे और दुष्प्रभावों के डर तथा गर्भाधान की संभावना को कम आँकते हुए गर्भनिरोधक का उपयोग बंद कर दिया। इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक 4 गर्भधारण में से 1 अनैच्छिक था।

अनैच्छिक गर्भधारण क्या है?

  • अनैच्छिक गर्भधारण से तात्पर्य- असमय (Mistimed), अनियोजित (Unplanned) या अनचाहे (Unwanted) गर्भधारण से है।
  • निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहने वाली 74 मिलियन महिलाएँ प्रत्येक वर्ष अनैच्छिक गर्भधारण करती हैं। इस अनैच्छिक गर्भधारण के कारण प्रत्येक वर्ष 25 मिलियन असुरक्षित गर्भपात और साथ ही 47,000 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
  • अध्ययन से पता चलता है कि गर्भनिरोधक का उपयोग बंद करने वाली 85% महिलाएँ पहले वर्ष के दौरान ही गर्भवती हो गईं।
  • जिन महिलाओं ने अनैच्छिक गर्भधारण के कारण गर्भपात कराया है, उनमें से आधी महिलाओं ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, दुष्प्रभावों या उपयोग में असुविधा जैसे मुद्दों के कारण अपने गर्भनिरोधक तरीकों को बंद कर दिया था।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसी 4794 महिलाओं का अध्ययन किया, जिनका गर्भनिरोधक का उपयोग बंद करने के बाद अनैच्छिक गर्भधारण हुआ था। इसमें से 56% गर्भवती महिलाओं ने पिछले 5 वर्षों से गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं किया था। अनैच्छिक गर्भधारण वाली 9.9% महिलाओं ने गर्भधारण को रोकने के लिये पारंपरिक विधियों {जैसे- प्रत्याहार (Withdrawal) या कैलेंडर-आधारित विधि}, 31.2% ने लघुकालिक आधुनिक विधि (जैसे जन्म नियंत्रण हेतु गोलियाँ एवं कंडोम) और 2.6% ने दीर्घकालिक गर्भनिरोधक तरीके {जैसे अंतर्गर्भाशयी उपकरण (Intrauterine Device- IUD) तथा प्रत्यारोपण (Implants)} का इस्तेमाल किया}।
  • अध्ययन के अनुसार, भारत में गर्भपात की दर 15-49 वर्ष की आयु समूह में प्रति 1,000 महिलाओं पर 47 थी। 3.4 मिलियन गर्भपात (22%) स्वास्थ्य सुविधाओं (Health Facility) में किये गए, 11.5 मिलियन (73%) गर्भपात स्वास्थ्य सुविधाओं के बाहर दवाओं (Medication Abortion) के माध्यम से और 0.8 मिलियन (5%) गर्भपात में अन्य तरीकों का उपयोग किया गया। भारत में, सभी गर्भधारण में से लगभग एक-तिहाई गर्भपात के रूप में परिणत होते हैं और लगभग आधे गर्भधारण अनैच्छिक होते हैं।
  • WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि अनैच्छिक गर्भधारण को रोकने में गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
  • उच्च गुणवत्तायुक्त परिवार नियोजन से न केवल मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ साथ शिक्षा एवं महिला सशक्तीकरण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • WHO के अनुसार कानूनी, नीतिगत, सामाजिक, सांस्कृतिक और संरचनात्मक बाधाओं को दूर किये जाने से अधिक लोगों को प्रभावी गर्भनिरोधक सेवाओं का लाभ मिलेगा।

अनैच्छिक गर्भधारण के दुष्प्रभाव:

  1. कुपोषण और बीमारी।
  2. दुर्व्यवहार और उपेक्षा।
  3. बच्चे या माँ की मृत्यु।
  4. उच्च प्रजनन दर के फलस्वरूप तीव्र जनसंख्या वृद्धि।
  5. शिक्षा और रोज़गार की संभावनाओं को कम करता है।
  6. गरीबी ।

परिवार नियोजन के अंतर्गत गर्भनिरोधक सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिये WHO द्वारा की गई अनुशंसाएँ:

  • गर्भनिरोधक के प्रभावी तरीकों के चयन और उपयोग के लिये एक साझा निर्णय प्रक्रिया को अपनाना, जिससे उपयोगकर्त्ता की आवश्यकताओं और वरीयताओं की पूर्ति हो सके।
  • महिलाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक विधि से संबंधित मुद्दों की अतिशीघ्र पहचान करना।
  • महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों तथा गरिमा का सम्मान करने के साथ-साथ प्रभावी परामर्श (Effective Counselling) उपलब्ध कराना एवं आधुनिक गर्भनिरोधक विधियों को अपनाने के लिये उन्हें सक्षम बनाना।

स्रोत: द हिंदू

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