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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

तीसरी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) बैठक

  • 24 May 2017
  • 4 min read

संदर्भ
हाल ही में, आर.सी.ई.पी. की तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक 21-22 मई, 2017 को हनोई में संपन्न हुई| इसमें भारत के साथ-साथ आर.ई.सी.पी. के 15 सदस्य देशों ने भी भाग लिया| भारत की ओर से वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिनिधित्व किया| गौरतलब है कि अब तक आर.सी.ई.पी. की चार मंत्रीस्तरीय बैठकें, तीन अंतर-सत्रीय बैठकें और व्यापार ताल-मेल समिति (टी.एन.सी.) के तकनीकी स्तर के 18 राउंड आयोजित हो चुके हैं| अगली व्यापार ताल-मेल समिति (टी.एन.सी.) की मीटिंग 18-28 जुलाई को हैदराबाद में प्रस्तावित है|

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस बैठक में भारत ने सेवाओं से संबंधित समझोतों पर हो रही धीमी प्रगति पर अपनी चिंता व्यक्त की, खासकर इन देशों में पेशेवरों के अल्पकालिक आव्रजन को लेकर| वस्तुतः भारत का मानना कि जिस प्रकार की प्रगति वस्तुओं से संबंधित समझोतों पर हुई है, उस प्रकार की प्रगति अभी तक सेवाओं में देखने को नहीं मिली|
  • गौरतलब है कि जब बात कुशल श्रमिकों के अल्पकालिक आव्रजन के नियमों में ढील देने की आती है तो ये देश आर्थिक मंदी तथा इसके कारण नौकरियों में कमी के चलते संरक्षणवादी नीति का अनुसरण करते नज़र आतें हैं| 
  • चूँकि, भारत सेवाओं का एक बड़ा आपूर्तिकर्त्ता देश है तथा हमारे यहाँ कुशल श्रमिकों का बड़ा ‘पूल’(POOL) विद्यमान है| अत: भारत आर.ई.सी.पी. के सभी सदस्य देशों से यह चाहता है कि वे पेशेवरों की आवाजाही तथा व्यवसायी लोगों के “आरसीईपी ट्रैवल कार्ड” सहित सभी प्रकार की सेंवाओं से संबंधित नियमों को उदार बनानें की दिशा में कदम उठाएँ|
  • अगर सभी सदस्य देश भारत की बात को मानते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाते हैं तो न केवल भारत के व्यापार-वाणिज्य में बढ़ोतरी होगी, बल्कि हमारे कुशल श्रमिकों के लिये रोज़गार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे| इसका एक अन्य महत्त्वपूर्ण लाभ यह होगा कि भारत, चीन की “वन बेल्ट वन रोड” एवं “ट्रांस पेसिफिक पार्टनरशिप” (TPP)” को भी काउंटर कर सकता है|

 क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP)

  • क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) एक प्रस्तावित मेगा मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है, जो आसियान के दस सदस्य देशों तथा छह अन्य देशों (ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड) जिनके साथ आसियान का मुक्त व्यापार समझौता हैं, के बीच होना हैं|
  • वस्तुतः आर.ई.सी.पी. वार्ता की औपचारिक शुरुआत 2012 में कंबोडिया में आयोजित 21वें आसियान शिखर सम्मेलन में शुरू हो गई थी| इस समझौते को 2017 के अंत तक अंतिम रूप दिया जाना निर्धारित है| 
  • आर.ई.सी.पी. को ट्रांस पेसिफिक पार्टनरशिप (TPP) के एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा हैं|
  • आर.ई.सी.पी. के सदस्य देशों की कुल जीडीपी लगभग 24 ट्रिलियन डॉलर और इसकी जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 39 प्रतिशत है|
  • सदस्य देश : ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम| इनके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड सहभागी (Partner) देश हैं|
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