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भारतीय अर्थव्यवस्था

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्ड योजना 2020-21

  • 15 Apr 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

सॉवेरेन गोल्ड बॉन्ड, SLR 

मेन्स के लिये

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्ड की विशेषताएँ, उद्देश्य 

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने, भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond-SGB) जारी करने का निर्णय लिया है। ये बॉन्ड छह अवधि शृंखलाओं में अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के मध्य जारी किये जाएंगे। 

सॉवेरेन गोल्ड बॉन्ड की विशेषताएँ 

  • सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्ड 2020 -2021 के नाम से ये बॉन्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये जाएंगे।
  • इनकी बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निकायों तक ही सीमित रहेगी।
  • SGB को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।
  • इनकी 8 वर्ष की समयावधि होगी और पाँचवें साल के पश्चात इससे बाहर निकलने का विकल्प‍ रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है।
  • SGB की न्‍यूनतम स्‍वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना है।
  • व्यक्तियों और HUFs के लिये 4 किलोग्राम तथा ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिये 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) की अधिकतम सीमा होगी।
  • SGB की बिक्री अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिये की जाएगी।
  • संयुक्‍त रूप से धारण किये जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी
  • बॉन्ड का मूल्‍य भारतीय रूपए में तय किया जाएगा निर्गम मूल्‍य उन लोगों के लिये प्रति ग्राम 50 रुपए कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिये करेंगे।
  • बॉन्ड का भुगतान नकद (अधिकतम 20,000 रुपए तक), डिमांड ड्राफ्ट, चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिये की जा सकेगी
  • निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से ब्याज दिया जाएगा, जो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा।
  • इनका उपयोग ऋणों के लिये जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है।
  • आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर कर अदा करना होगा। किसी भी व्‍यक्ति को SGB के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है।
  • किसी भी निर्धारित तिथि पर बॉन्ड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर इनकी ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्सचेंज पर हो सकेगी।
  •  बैंकों द्वारा हासिल किये गए बॉन्डों की गिनती वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) के संदर्भ में की जाएगी।

वैधानिक तरलता अनुपात

(Statutory Liquidity Ratio-SLR)


  • यह भारत में कार्य करने वाले सभी अनुसूचित बैंकों ( देशी तथा विदेशी) की सकल जमाओं का वह अनुपात है जिसे बैंकों को अपने पास विद्यमान रखना होता है। 
  • यह नकद तथा गैर नकद-स्वर्ण या सरकारी प्रतिभूति किसी भी रूप में हो सकता है। 
  • वर्ष 2007 में इसकी 25 प्रतिशत की न्यूनतम सीमा को समाप्त कर दिया गया। अब यह 25 प्रतिशत के नीचे भी रखा जा सकता है।
  • SLR से बैंकों के कर्ज देने की क्षमता नियंत्रित होती है। अगर कोई बैंक मुश्किल परिस्थिति में फँस जाता है तो रिजर्व बैंक SLR की मदद से ग्राहकों के पैसे की कुछ हद तक भरपाई कर सकता है।

सॉवेरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के उद्देश्य: इस योजना के दो प्रमुख उद्देश्य हैं -

  1. सोने की भौतिक मांग को कम करना, और 
  2. प्रतिवर्ष निवेश के उद्देश्य से आयात होने वाले सोने के एक हिस्से को वित्तीय बचत में परिवर्तित करना। 

स्रोत: पीआईबी

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