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आंतरिक सुरक्षा

सोशल मीडिया अकाउंट

  • 16 Sep 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (National Intelligence Grid- NATGRID) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष सोशल मीडिया अकाउंट को केंद्रीय डेटाबेस से जोड़ने का प्रस्ताव पेश किया है।

प्रमुख बिंदु

  • NATGRID ने सोशल मीडिया अकाउंट, बैंकिंग, टेलीफोन और भारत में प्रवेश करने वाले यात्रियों संबंधी रिकॉर्ड को केंद्रीय डेटाबेस से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है।
  • NATGRID द्वारा वर्ष 2017 में जारी रुचि की अभिव्यक्ति (Expression of Interest- EOI) के अनुसार, वह एक एंटिटी एक्सट्रैक्शन, विज़ुअलाइज़ेशन और एनालिटिक्स (Entity Extraction, Visualization and Analytics- EVA) सिस्टम स्थापित करने का प्रयास करेगा। यह सिस्टम विभिन्न डेटा स्रोतों द्वारा उपलब्ध सूचनाओं का संग्रहण और विश्लेषण करेगा।
  • NATGRID ने हाल ही में EOI को पुन शुरू करते हुए सिस्टम इंटीग्रेटर (System Integrator- SI) के चयन की दिशा में प्रयास किया। यह SI सॉफ्टवेयर सोल्युशन, हार्डवेयर का विवरण उपलब्ध करवाने के साथ ही समग्र EVA समाधानों को एकीकृत और कार्यान्वित करेगा।

सिस्टम इंटीग्रेटर

(System Integrator-SI)

सिस्टम इंटीग्रेटर कोई व्यक्ति या कंपनी होती है जो किसी कंपनी या संस्था के उद्यम संबंधी IT (Information Technology) अनुप्रयोगों को लागू करता है।

ट्रोजन हमला (Trojan Attack)

  • ट्रोजन एक प्रकार का मालवेयर है यह अक्सर वैध सॉफ्टवेयर के रूप में दिखाई देता है।
  • इंटरनेट व कंप्यूटर के माध्यम से उपयोगकर्त्ताओं के सिस्टम तक पहुँच बनाने की कोशिश में लगे साइबर- हैकर्स द्वारा ट्रोजन का प्रयोग किया जाता है।
  • ट्रोजन केवल एक कंप्यूटर उपयोगकर्त्ता की सहायता से किसी भी सॉफ्टवेयर को संक्रमित कर सकता हैं।
  • अज्ञात व्यक्ति के ईमेल के साथ जुड़ी हुई फाइल पर क्लिक करने, बिना स्कैनिंग के USB का प्रयोग करने और असुरक्षित URL खोलने जैसे तरीकों से ट्रोजन कंप्यूटर को क्षति पहुँचाते हैं।

चिंता के बिंदु:

  • सोशल मीडिया अकाउंट को केंद्रीय डेटा से लिंक करने पर संवेदनशील सरकारी डेटा के हैकिंग एवं ट्रोजन हमलों (Trojan Attacks) के प्रति सुभेद्य होने की आशंका है।
  • सोशल मीडिया अकाउंट धारकों की निजी व गोपनीय जानकारी लीक हो सकती है।
  • यह केंद्रीय डेटाबेस है जो राज्य पुलिस व इंटेलिजेंस एजेंसी की पहुँच से बाहर रहेगा।
  • इससे पूर्व में विकीलिक्स का उदाहरण उपलब्ध है जिसने विभिन्न देशों के सेंट्रल ग्रिड तक पहुँच बनाकर गोपनीय सूचनाओं व व्यक्तियों की निजता का उल्लंघन किया था।

आगे की राह

  • देश में यह डिजिटल क्रांति का दौर है जिसके लिये परिष्कृत तकनीक को अपना कर राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने की आवश्यकता है।
  • वर्तमान समय में आतंकवादी घटनाओं की जाँच व आसूचना के लिये पारंपरिक तरीके पर्याप्त नहीं रह गए हैं। इसलिये आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिये जाँच एजेंसियों की रियल टाइम डेटा तक पहुँच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID)

  • NATGRID आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिये एक कार्यक्रम है।
  • यह संदिग्ध आतंकवादियों को चिह्नित करने और आतंकवादी हमलों को रोकने के लिये विभिन्न खुफिया तथा प्रवर्तन एजेंसियों से प्राप्त डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण करने हेतु बिग डेटा तकनीक का उपयोग करेगा।
  • 26/11 के बाद इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर NATGRID की स्थापना की गई।
  • NATGRID बिग डेटा और एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए बड़ी मात्रा में डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण करता है।
  • नागरिक डेटा स्रोतों में बैंक खाता विवरण, टेलीफोन रिकॉर्ड, पासपोर्ट डेटा, वाहन पंजीकरण विवरण, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register-NPR), आव्रजन, वीज़ा, विदेशी पंजीकरण तथा ट्रैकिंग प्रणाली (the Immigration, Visa, Foreigners Registration and Tracking System- IVFRT) आदि शामिल हैं।
  • इन 12 एजेंसियों को नैटग्रिड की सुविधा उपलब्ध होगी: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT); केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI); रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA); राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI); प्रवर्तन निदेशालय (ED); इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB); नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB); राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA); रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW); असम, जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों की मिलिट्री इंटेलिजेंस और गृह मंत्रालय।

यह विभिन्न चरणों में डेटा प्रदान करने वाले संगठनों और उपयोगकर्त्ताओं के समन्वय के साथ ही एक कानूनी संरचना विकसित करता है, इन सूचनाओं के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ संदिग्ध गतिविधियों की जाँच करती हैं।

स्रोत: द हिंदू

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