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भारतीय अर्थव्यवस्था

औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख रोज़गार अवसरों का सृजन

  • 19 Jun 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में फ्लेक्सी-स्टाफिंग उद्योग (Flexi-Staffing Industry) की संस्था भारतीय कर्मचारी महासंघ (Indian Staffing Federation-ISF) ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार बीते तीन वर्षों में हुए बड़े सुधारों और महत्त्वपूर्ण नीतियों के अनुपालन के कारण वर्ष 2015 से वर्ष 2018 के बीच लगभग 70 लाख रोज़गार अवसरों का सृजन हुआ है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • यह रिपोर्ट “रोज़गार के सृजन और फ्लेक्सी-स्टाफिंग पर प्रमुख सुधारों का प्रभाव” (Impact of key reforms on job formalisation and flexi-staffing) के नाम से जारी की गई है।
  • यहाँ पर फ्लेक्सी-स्टाफिंग का अर्थ अस्थायी भर्तियों से है।
  • रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था ISF के अध्यक्ष के अनुसार, बीते तीन वर्षों में कई नीतियों जैसे- मज़दूरी भुगतान अधिनियम (Payment of Wages Act) और EPF आदि में बहुत महत्त्वपूर्ण परिवर्तन और संशोधन हुए हैं तथा औपचारिक क्षेत्र पर भी इसके प्रत्यक्ष प्रभाव देखने को मिले हैं।
  • ISF का मानना है कि औपचारिक क्षेत्र में सृजित हुए इन 70 लाख रोज़गारों के पीछे का प्रमुख कारण यही प्रभाव है।
  • रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2015 से अभी तक 1.2 मिलियन कर्मचारियों को अस्थायी कर्मचारियों के रूप में रोज़गार से जोड़ा गया है।
  • इसके अलावा अगले तीन वर्षों में 1.53 मिलियन अतिरिक्त कर्मचारी भी अस्थायी कर्मचारी के रूप में रोज़गार से जोड़े जाएंगे।
  • रिपोर्ट के अनुसार, औपचारिकरण (Formalisation), औद्योगीकरण (Industrialisation), शहरीकरण (Urbanisation), वित्तीयकरण (Financialisation) और स्किलिंग (Skilling) के माध्यम से कुल मांग में वृद्धि करके रोज़गार सृजन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
  • रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वर्ष 2021 तक भारत के पास 6.1 मिलियन अस्थायी कर्मचारी मौजूद होंगे।
  • रसद (logistics), बैंकिंग (Banking), वित्तीय और बीमा (Financial and Insurance), आई.टी. (IT) एवं सरकार पाँच ऐसे क्षेत्र हैं जो वर्ष 2021 तक कुल रोज़गार का 55 प्रतिशत हिस्सा सृजित करेंगे।

क्या है ISF?

  • ISF एक सर्वोच्च संस्थान है जिसकी स्थापना का उद्देश्य निजी रोज़गार सेवाओं का प्रतिनिधित्व करना है।
  • इसे कर्मचारी उद्योगों की ओर से सरकार तथा अन्य व्यापार संस्थाओं के साथ तालमेल बैठाने और बातचीत करने के लिये अधिकृत किया गया है।
  • ISF द्वारा सभी सदस्य कंपनियों के लिये आचार-संहिता तैयार की गई है जिसका पालन करना सभी के लिये अनिवार्य है।

स्रोत- द हिंदू (बिज़नेस लाइन)

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