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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

क्वांटम उपग्रह आधारित संचार प्रणाली

  • 19 Jun 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

क्वांटम उपग्रह आधारित संचार प्रणाली

मेन्स के लिये:

क्वांटम उपग्रह आधारित संचार प्रणाली

चर्चा में क्यों?

चीनी वैज्ञानिकों के एक अध्ययन दल ने ‘मिसियस’ (Micius) क्वांटम उपग्रह का प्रयोग कर विश्व में पहली बार ‘क्वांटम इंटेंगलमेंट’ (Quantum Entanglement) पर आधारित लंबी दूरी के बीच ‘क्वांटम क्रिप्टोग्राफी’ (Quantum Cryptography) को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है, जो क्वांटम दूरसंचार के व्यावहारिक इस्तेमाल में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति माना जा रहा है।

प्रमुख बिंदु:

  • पान जियान-वी (Pan Jian-Wei), जिन्हें चीन में 'क्वांटम तकनीक का पिता' माना जाता है, के नेतृत्त्व वाली ऑपरेटिंग टीम ने क्वांटम तकनीक की दिशा में कई सफलताओं को प्राप्त किया है।
  • मिसियस उपग्रह के माध्यम से मूल ग्राउंड स्टेशन जो एक-दूसरे से 1,200 किमी. की दूरी पर स्थित थे, के मध्य इंटैंगलमेंट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है।
  • इंटैंगलमेंट फोटॉन आपस में संबंधित हल्के कण होते हैं जिनके गुण आपस में संबंधित रहते हैं। यदि किसी एक फोटॉन में हेराफेरी की जाती है, तो इसका प्रभाव दूसरे फोटॉन पर भी होता है।

क्वांटम संचार:

  • क्वांटम क्रिप्टोग्राफी या क्वांटम कुंजी वितरण (Quantum Key Distribution- QKD) सुरक्षित संचार के लिये ‘सममित कूटबद्ध कुंजी’ (Symmetric Encoded Key) के वितरण को सुरक्षित करने की एक तकनीक है। इसमें संचार के लिये फोटॉन जो कि 'क्वांटम कण है, का प्रयोग किया जाता है।
  • विभिन्न QKD प्रोटोकॉल को यह सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है कि संचार में काम आने वाले फोटॉनों में किसी प्रकार की हेराफेरी संपूर्ण संचार प्रणाली को रोक दे।

क्वांटम संचार उपग्रह मिसियस (Micius):

  • मिसियस (Micius) विश्व का प्रथम क्वांटम संचार उपग्रह है, जिसे वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
  • उपग्रह का नाम प्राचीन चीनी दार्शनिक मोज़ि (Mozi) के नाम पर रखा गया है।

क्वांटम दूरसंचार में चुनौतियाँ:

  • ऑप्टिकल आधारित QKD का उपयोग कर केवल कुछ किलोमीटर की दूरी तक संचार स्थापित किया जा सकता है, अत: इस समस्या का समाधान करने के लिये उपग्रह आधारित क्वांटम संचार प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है।
    • लंबी दूरी के लिये संचार स्थापित करना:

      • अब तक ऑप्टिकल आधारित QKD का उपयोग कर केवल 100 किलोमीटर तक ही सुरक्षित संचार स्थापित किया गया है। हालाँकि रिपीटर (Repeater) के प्रयोग से क्वांटम दूरसंचार की लंबाई बढ़ाई जा सकती है।
      • उदाहरण के लिये विश्व में पहली क्वांटम गोपनीय दूर संचार लाइन पेइचिंग-शांगहाई की लंबाई 2000 किमी. है, जिसमें 32 रिपीटरों का प्रयोग किया गया है।
      • रिपीटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो संकेत प्राप्त करता है और इसे आगे पहुँचाता है। ट्रांसमीटरों का विस्तार करने के लिये रिपीटर का उपयोग किया जाता है ताकि सिग्नल लंबी दूरी को कवर कर सके।
  • सुरक्षा का मुद्दा:
    • जब रिपीटर का प्रयोग क्वांटम संचार दूरी बढ़ाने में किया जाता है तो इस रिपीटर की सुरक्षा मानव द्वारा सुनिश्चित की जाती है अत: सूचनाओं के लीक होने का खतरा रहेगा।

शोध का महत्त्व:

  • क्वांटम उपग्रह आधारित लंबी दूरी की संचार तकनीक 'क्वांटम इंटरनेट' की दिशा में प्रमुख कदम होगा।
  • क्वांटम तकनीक के राजनीतिक और सैन्य निहितार्थ हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
  • वर्ष 2013 में एडवर्ड स्नोडेन द्वारा पश्चिमी सरकारों द्वारा की जाने वाली इंटरनेट निगरानी के खुलासे के बाद संचार को अधिक सुरक्षित बनाने के लिये चीन जैसे देशों ने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में अनुसंधान बढ़ाने को प्रोत्साहित किया है।

निष्कर्ष:

  • एक लंबी दूरी की क्वांटम संचार संपर्क की सफलता यह बताती है कि हम संचार प्रणाली के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। जहाँ प्रारंभ में देशों की क्वांटम संचार के लिये चीन पर निर्भरता बढ़ सकती है परंतु भविष्य में ये देश स्वयं की क्वांटम उपग्रह संचार प्रणाली विकसित कर सकते हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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