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शासन व्यवस्था

राष्ट्रीय गोकुल मिशन

  • 22 Dec 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय गोकुल मिशन और संबंधित पहल, राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना, गोकुल ग्राम

मेन्स के लिये:

पशुधन क्षेत्र को बढ़ावा देने की पहल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने घोषणा की है कि 50 लाख से अधिक किसानों को रोज़गार दिया जाएगा।

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के तहत गाय/भैंस/सुअर/मुर्गी/बकरी प्रजनन फार्मों और साइलेज बनाने वाली इकाइयों को सब्सिडी प्रदान करने की योजना है, जिसमें से 50% सब्सिडी भारत सरकार द्वारा दी जाएगी। साथ ही पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund- AHIDF) योजना के तहत लोन राशि पर 3 फीसदी ब्याज़ सबवेंशन भी लिया जा सकता है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन:

  • परिचय: 
    • यह दिसंबर 2014 से देशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिये लागू किया जा रहा है।
    • यह योजना 2400 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 तक अम्ब्रेला योजना राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत भी जारी है।
  • नोडल मंत्रालय: 
    • मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
  • उद्देश्य: 
    • उन्नत तकनीकों का उपयोग करके गोवंश की उत्पादकता और दुग्ध उत्पादन को स्थायी रूप से बढ़ाना।
    • प्रजनन उद्देश्यों के लिये उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले साँडों के उपयोग का प्रचार करना।
    • प्रजनन नेटवर्क को मज़बूत करने और किसानों तक कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं की डिलीवरी के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान कवरेज को बढ़ाना।
    • वैज्ञानिक और समग्र तरीके से स्वदेशी मवेशी और भैंस पालन एवं संरक्षण को बढ़ावा देना।
  • महत्त्व: 
    • राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि होगी तथा कार्यक्रम का लाभ विशेष रूप से  भारत के सभी छोटे और सीमांत किसानों के मवेशियों एवं भैंसों तक पहुँचेगा।
    • यह कार्यक्रम विशेष रूप से महिलाओं को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि पशुधन खेती में शामिल 70% से अधिक कार्य महिलाओं द्वारा किया जाता है।
  • घटक: 
    • उच्च आनुवंशिक मेरिट जर्मप्लाज़्म (Merit Germplasm) की उपलब्धता
    • कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क का विस्तार
    • स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण
    • कौशल विकास
    • किसान जागरूकता
    • गो-जातीय प्रजनन में अनुसंधान विकास और नवाचार
  • क्रियान्वयन एजेंसी:
    • राष्ट्रीय गोकुल मिशन को "राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए अर्थात् पशुधन विकास बोर्ड)" के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।
  • महत्त्वपूर्ण पहलें:
    • गोपाल रत्न पुरस्कार:
      • यह सर्वश्रेष्ठ  स्वदेशी नस्ल के समूह को बनाए रखने तथा सर्वोत्तम प्रबंधन के लिये किसानों को प्रदान किया जाता है।
    • कामधेनु पुरस्कार:
      • संस्थान/ट्रस्ट/एनजीओ/गौशालाओं या सर्वश्रेष्ठ-प्रबंधित ब्रीडर्स सोसायटियों द्वारा सर्वश्रेष्ठ-प्रबंधित स्वदेशी समूह के लिये प्रदान किया जाता है।
    • गोकुल ग्राम:
      • RGM ने स्वदेशी नस्लों को विकसित करने हेतु एकीकृत मवेशी विकास केंद्रों, 'गोकुल ग्राम' की स्थापना की परिकल्पना की है, जिसमें 40% तक नस्लें (किसी विशेष वर्ग या प्रकार से संबंधित या दिखाई देने वाली) शामिल हैं:
        • वैज्ञानिक तरीके से स्वदेशी पशु पालन और संरक्षण को बढ़ावा देना।
        • स्वदेशी नस्लों के उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों का वंश बढ़ाना।
        • आधुनिक कृषि प्रबंधन पद्धतियों का अनुकूलन करना तथा सामान्य संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देना।
        • पशु अपशिष्ट का किफायती तरीके से उपयोग करना जैसे- गाय का गोबर, गोमूत्र।
      • हाल ही में 16 गोकुल ग्रामों की स्थापना के लिये धनराशि जारी की गई है।
    • राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र (NKBC):
      • इसे समग्र और वैज्ञानिक तरीके से स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिये उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
    • ई-पशु हाट:
      • यह एक वेब पोर्टल है, यह पालतू मवेशियों, गोजातीय पशुओं के व्यापार के बारे में जानकारी प्रदान करता है जो देश में किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं था।
    • नकुल प्रजनन  बाज़ार:
      •  यह  गुणवत्तापूर्ण-रोग मुक्त गोजातीय जर्मप्लाज़्म  के लिये प्रजनकों और किसानों को जोड़ने वाला एक ई-मार्केट पोर्टल है।
    • पशु संजीवनी:
      • यह एक पशु कल्याण कार्यक्रम है जिसमें विशिष्ट पहचान और राष्ट्रीय डेटाबेस पर डेटा अपलोड करने के साथ पशु स्वास्थ्य कार्ड ('नकुल स्वास्थ्य पत्र') का प्रावधान शामिल है।
    • सहायक प्रजनन तकनीक (ART):  
      • सहायक प्रजनन तकनीक- IVF/मल्टीपल ओव्यूलेशन एम्ब्रियो ट्रांसफर (MOET) और सेक्स-सॉर्टेड सीमेन तकनीक है, इससे रोग मुक्त मादा गोवंश की उपलब्धता में सुधार किया जा सकता है।
    • स्वदेशी नस्लों के लिये राष्ट्रीय गोजातीय जीनोमिक केंद्र (NBGC-IB): 
      • यह अत्यधिक सटीक जीन-आधारित तकनीक का उपयोग करके कम उम्र में उच्च आनुवंशिक योग्यता के प्रजनन साँडों के चयन के लिये स्थापित किया जाएगा। 
    • AHIDF योजना:
      • व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, MSME, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और धारा 8 के अंतर्गत कंपनियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के तहत 15000 करोड़ रुपए का AHIDF स्थापित किया गया है:
        • डेयरी प्रसंस्करण और मूल्यवर्द्धन अवसंरचना,
        • मांस प्रसंस्करण और मूल्यवर्द्धन अवसंरचना और
        • पशु चारा संयंत्र।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (पीवाईक्यू)

प्रश्न. ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि रोज़गार और आय प्रदान करने के लिये पशुधन पालन की बड़ी संभावना है। भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये उपयुक्त उपाय सुझाने पर चर्चा कीजिये। (2015) 

स्रोत: पी.आई.बी.

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