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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (03 August)

  • 03 Aug 2019
  • 9 min read
  • प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा मेघालय सरकार मिलकर 8-9 अगस्त को मेघालय की राजधानी शिलांग में ई-गवर्नेंस 2019 पर 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करे रहे हैं। इस सम्मेलन का पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली बार आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन सभी तरह की डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध कराने, समस्याओं के समाधान में अनुभव का आदान-प्रदान करने, जोखिम कम करने, मुद्दों को सुलझाने और सफलता की योजना उपलब्ध कराने के लिये स्थायी ई-गवर्नेंस पहलों को तैयार करने और उन्हें लागू करने के प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी साझा करने हेतु एक मंच उपलब्ध कराता है। इस सम्मेलन का विषय डिजिटल इंडिया : सफलता से उत्कृष्टता है। इस सम्मेलन 28 राज्यों और आठ केंद्रशासित प्रदेशों के 450 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
  • भारत और बोलिविया के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्‍यों के लिये बाह्य अंतरिक्ष में अन्‍वेषण और उपयोग में सहयोग के लिये एक समझौते को सरकार ने स्‍वीकृति प्रदान की है। इस समझौते पर 29 मार्च, 2019 को इसरो और बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी ने भारत के राष्‍ट्रपति की बोलिविया यात्रा के दौरान सांता क्रूज डि ला सियरा, बोलिविया में हस्‍ताक्षर किए थे। इस समझौते से पृथ्‍वी की रिमोट सेंसिंग, उपग्रह संचार, उपग्रह आधारित नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रह-संबंधी अन्‍वेषण, अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष प्रणालियों और भूतल प्रणाली के उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग सहित अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा अनुप्रयोगों जैसे सहयोग के संभावित हित क्षेत्रों में काम किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि बोलिविया अंतरिक्ष एजेंसी ने कुछ वर्ष पूर्व इसरो के साथ अंतरिक्ष सहयोग स्‍थापित करने की इच्‍छा जाहिर की थी।
  • थाईलैंड के बैंकाक में 52वीं आसियान विदेश मंत्री बैठक का आयोजन 29 जुलाई से 3 अगस्त तक किया गया। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किया। इस बैठक के साथ उन्होंने 10वीं मेकांग-गंगा सहयोग बैठक, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच की बैठक में भी हिस्सा लिया। आसियान समूह स्वयं को एक वैश्विक इकाई के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। यह 10 दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 6 अगस्त, 1967 को हुई थी। इसका मुख्यालय जकार्ता, इंडोनेशिया में है। इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम शामिल हैं। इसके चार्टर में आसियान के उद्देश्य के बारे में बताया गया है। सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखना साथ ही विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा करना इसके उदेश्यों में शामिल है। इसके महासचिव आसियान द्वारा पारित किये गए प्रस्तावों को लागू करवाने और कार्य में सहयोग प्रदान करने का काम करते है। महासचिव का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। आसियान का पूरा नाम Association of South East Asian Nations-ASEAN है।
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ के सैटेलाइट की मदद से वैज्ञानिकों ने तीन नए एक्सोप्लैनेट्स का पता लगाया है। ये ग्रह पृथ्वी से 73 प्रकाशवर्ष दूर स्थित हैं। आपको बता दें कि एक्सोप्लैनेट ऐसे ग्रह होते हैं जो हमारे सौरमंडल के बाहर स्थित होते हैं और किसी तारे के चारों को घूमते रहते हैं। इन खोजे गए तीन ग्रहों में से एक ग्रह चट्टानी और पृथ्वी से कुछ बड़ा है, जबकि दो अन्य गैसीय हैं और हमारी पृथ्वी के आकार से दोगुने हैं। नासा के ‘हंटिंग सैटेलाइट’ से खोजी गई नए तारों की प्रणाली को TESS ऑब्जेक्ट ऑफ इंटरेस्ट या TOI-270 कहा जाता है। यह बिल्कुल वैसी ही है जैसी ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) को खोजने के लिये डिज़ाइन की गई थी। हमारे सौरमंडल में पृथ्वी, बुध, शुक्र और मंगल जैसे छोटे, चट्टानी ग्रह या शनि, बृहस्पति, यूरेनस और नेप्च्यून जैसे बड़े ग्रह हैं, जिनमें भूमि की तुलना में गैसों की मात्रा अधिक है। सौरमंडल में नेप्च्यून से छोटे आकार का कोई ग्रह नहीं है। अब वैज्ञानिक TOI-270 की मदद से जल्द ही पृथ्वी जैसे चट्टानी ग्रहों और नेप्च्यून जैसे गैसीय ग्रहों के बीच संबंधों का पता लगा सकते हैं क्योंकि यहाँ इन सभी प्रकारों को एक ही प्रणाली में बनाया गया है।
  • 1 अगस्त से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली एशेज़ टेस्ट क्रिकेट सीरीज़ की शुरुआत हो गई है। दुनिया में इसे टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी सीरीज़ माना जाता है। इसमें इंग्लैंड के बर्मिंघम में पाँच टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेली जानी है। इस बार खास बात यह है कि इसी पहले टेस्ट के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की भी शुरुआत हो रही है, जिसे क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट की लोकप्रियता बनाए रखने के लिये इस खेल की वैश्विक संस्था इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने शुरू किया है। वैसे दोनों देशों के बीच अब तक 70 एशेज़ सीरीज़ खेली जा चुकी हैं, जिनमें से 33 बार ऑस्ट्रेलिया और 32 बार इंग्लैंड विजेता रहा है। दरअसल, वर्ष 1882 में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड के दौरे पर आई थी, तब ओवल मैदान पर हुए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम आसानी से जीता हुआ मैच हार गई। इंग्लैंड पहली बार अपनी धरती पर कोई टेस्ट मैच हारा था। तब इंग्लिश मीडिया ने इंग्लिश क्रिकेट पर अफसोस जताया और इसे इंग्लिश क्रिकेट की मौत करार दे दिया। तब 'द स्पोर्ट्स टाइम्स' नामक अखबार ने एक शोक संदेश छापा, जिसमें लिखा था- 'इंग्लिश क्रिकेट का देहांत हो चुका है- 29 अगस्त, 1882, ओवल...और अब इसके अंतिम संस्कार के बाद उसकी राख (Ashes) ऑस्ट्रेलिया ले जाई जाएगी। बाद में ऑस्ट्रेलिया में स्टंप्स पर रखी जाने वाली बेल्स (गिल्लियों) को जलाकर राख बनाई गई और उसको एक Urn (राख रखने वाले बर्तन) में डाल कर इंग्लैंड के कप्तान को दिया गया। वहीं से यह परंपरा चली आई और आज भी एशेज़ ट्रॉफी उसी राख वाले बर्तन को ही माना जाता है और उसी की एक बड़ी प्रतिकृति को ट्रॉफी बनाकर दिया जाता है।
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