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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 जून, 2020

  • 27 Jun 2020
  • 8 min read

मैरी डब्‍लयू. जैकसन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अमेरिका समेत विश्व के कई अन्य देशों में नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध चल रहे अभियानों का समर्थन करते हुए अपने मुख्यालय का नाम ‘मैरी डब्‍लयू. जैकसन’ (Mary W. Jackson) के नाम पर रखने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि ‘मैरी जैकसन’ नासा (NASA) की सबसे पहली अफ्रीकी अमेरिकी महिला इंजीनियर थीं। मैरी जैकसन का जन्म 09 अप्रैल, 1921 को अमेरिका में ऐसे समय में हुआ था, जब अमेरिका में नस्लीय भेदभाव अपने चरम पर था। मैरी जैकसन ने हैम्पटन इंस्टीट्यूट (वर्तमान में हैम्पटन विश्वविद्यालय) से गणित और भौतिक विज्ञान में दोहरी डिग्री के साथ स्नातक करने के बाद मैरीलैंड राज्य (Maryland State) के एक विद्यालय में गणित की शिक्षिका के रूप में कार्य किया। वर्ष 1951 में वे नेशनल एडवाइज़री कमेटी फॉर एयरोनॉटिक्‍स (National Advisory Committee for Aeronautics) द्वारा एक गणितज्ञ के रूप में नियुक्त की गईं, इसी संस्था को वर्ष 1958 में नासा के रूप में प्रतिस्थापित कर दिया गया। गणितज्ञ के रूप में शामिल होने के बाद और और अधिक अध्ययन किया, जिसके बाद वर्ष 1958 में उन्हें पदोन्नति मिली और वे नासा की पहली अश्वेत महिला इंजीनियर बन गईं। उन्होंने अपने लगभग दो दशक लंबे इंजीनियरिंग कैरियर में कई रिपोर्टों और शोधों पर कार्य किया। मैरी जैकसन वर्ष 1985 में सेवानिवृत्त हो गईं। 

मुख्यमंत्री मातृ पुष्टि उपहार योजना

कुपोषण और मातृ मृत्यु दर से मुकाबला करने हेतु त्रिपुरा सरकार ने ‘मुख्यमंत्री मातृ पुष्टि उपहार योजना’ (Mukhyamantri Matru Pushti Uphaar) की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मुफ्त में पोषण किट प्रदान की जाएगी। इस योजना की घोषणा करते हुए राज्य के समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा मंत्री संताना चकमा (Santana Chakma) ने कहा कि योजना के तहत सरकार द्वारा प्रदान की जा रही किट से कम-से-कम 40,000 महिलाओं को लाभ होगा, उल्लेखनीय है कि प्रत्येक किट का मूल्य लगभग 500 रुपए प्रति किट होगा। अनुमान के अनुसार, राज्य सरकार की इस पहल में प्रत्येक वर्ष तकरीबन 8 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। गर्भवती महिलाओं को अपने घर के पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समय-समय पर जाँच करवानी होगी और प्रत्येक जाँच के बाद उन्हें किट प्रदान की जाएगी, इस किट के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिये मूंगफली, सोयाबीन, मिश्रित दालें, गुड़ और घी जैसी खाद्य सामग्री शामिल होंगी। सामान्य शब्दों में कहें तो कुपोषण (Malnutrition) वह अवस्था है जिसमें पौष्टिक पदार्थ और भोजन, अव्यवस्थित रूप से लेने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है और जिसके कारण गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग दिवस

वैश्विक स्तर पर प्रत्येक वर्ष 27 जून को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग दिवस (Micro, Small and Medium-sized Enterprises Day) के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 अप्रैल, 2017 को आयोजित 74वीं पूर्ण बैठक में प्रतिवर्ष 27 जून को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग दिवस के रूप में घोषित किया था, इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और नवाचार को बढ़ावा देने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के महत्त्व को पहचानना है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के आँकड़ों के अनुसार, MSME के तहत भारत में लगभग 6.34 उद्यम सक्रिय हैं, इनमें से अधिकांश (लगभग 51%) देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। हाल ही में सरकार ने MSMEs की परिभाषा में परिवर्तन किया है, नई परिभाषा के अनुसार, ‘सूक्ष्म’ उद्यम वह है जिसमें संयंत्र और मशीनरी तथा उपकरण में एक करोड़ से अधिक का निवेश नहीं होता है तथा जिसका कारोबार पाँच करोड़ रुपए से अधिक नहीं होता है। ‘लघु’ उद्यम वे होते हैं जिनमें संयंत्र और मशीनरी तथा उपकरण में 10 करोड़ रुपए से अधिक निवेश नहीं होता है तथा जिसका कारोबार 50 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होता है। वहीं मध्यम उद्यम की परिभाषा में वे उद्यम शामिल हैं, जिसमें संयंत्र और मशीनरी तथा उपकरण में 50 करोड़ रुपए से अधिक निवेश नहीं होता है तथा जिसका कारोबार 250 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होता है। 

गरीब कल्याण रोज़गार अभियान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के वेब पोर्टल का शुभारंभ किया है। गरीब कल्याण रोज़गार अभियान भारत सरकार का समग्र रोज़गार सृजन और ग्रामीण बुनियादी ढाँचा निर्माण कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून, 2020 को की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य COVID-19 महामारी के चलते पैदा हुए हालात के कारण अपने गृह क्षेत्र लौटने वाले प्रवासी कामगारों को आगामी चार माह तक रोज़गार उपलब्ध कराना है।  ये पोर्टल आम जनता को ‘गरीब कल्याण रोज़गार अभियान’ के विभिन्न ज़िला-वार और योजना-वार घटकों के बारे में जानकारी प्रदान करने के अलावा 6 राज्यों के 116 ज़िलों में 50,000 करोड़ रुपए की व्यय निधि के साथ शुरू किये गए कार्यों को पूरा करने की प्रगति की निगरानी रखने में मदद करेगा। केंद्र सरकार के इस अभियान के अंतर्गत कुल छ: राज्यों यथा- बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड तथा ओडिशा को शामिल किया गया है। यह 125 दिनों का अभियान है, जिसे मिशन मोड रूप में संचालित किया जा रहा है।

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