इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 जून, 2020

  • 26 Jun 2020
  • 8 min read

आत्‍मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोज़गार अभियान

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोज़गार अभियान’ का शुभारंभ किया है। यह अभियान रोज़गार प्रदान करने, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोज़गार के अवसर मुहैया कराने के लिये औद्योगिक संघों और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करने पर विशेष रूप से केंद्रित है। ध्यातव्य है कि इस योजना के तहत स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने और औद्योगिक संस्थानों के साथ साझेदारी कर रोज़गार के अवसर बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ध्यातव्य है कि COVID-19 महामारी का सामान्य कामगारों, विशेषकर प्रवासी श्रमिकों पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने-अपने राज्य वापस लौट चुके हैं। अनुमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अन्य क्षेत्रों से अब तक कुल 30 लाख प्रवासी श्रमिक वापस लौटे हैं, ऐसे में इन श्रमिकों को रोज़गार उपलब्ध कराना राज्य सरकारों के लिये एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘आत्‍मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोज़गार अभियान’ की परिकल्पना राज्य के उद्योगों और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करते हुए एक अनूठी पहल के रूप में की गई थी, जिसमें भारत सरकार और राज्य सरकार के कार्यक्रमों में सामंजस्‍य स्थापित करना भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि 12 मई, 2020 को प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का आह्वान करते हुए 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी। इस अभियान के तहत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के पाँच स्तंभों यथा अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रौद्योगिकी, गतिशील जनसांख्यिकी और मांग को रेखांकित किया गया है।

विवेकानंद योग विश्वविद्यालय

हाल ही में छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अमेरिका के लॉस एंजेल्स (Los Angeles) में भारत के बाहर ‘विवेकानंद योग विश्वविद्यालय’ नाम से विश्व के पहले योग विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद योग फाउंडेशन के कुलाधिपति एवं प्रसिद्ध योग गुरु डॉ. एच. आर. नागेंद्र (H. R. Nagendra) इस विश्विद्यालय के पहले अध्यक्ष होंगे। ध्यातव्य है कि ‘भारत की संस्कृति और विरासत के प्रतीक के रूप में योग विश्व में एकता और भाईचारे का माध्यम बन गया है। योग के माध्यम से वैश्विक शांति का संदेश आसानी से दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप मनाया जाता है, विश्व स्तर पर सर्वप्रथम वर्ष 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया था। इस वर्ष (वर्ष 2020) यह छठा अवसर है जब पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया है। 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस/विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने को मान्यता दी थी।

‘हरीथा हरम’ कार्यक्रम

हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 'हरीथा हरम' (Haritha Haaram) कार्यक्रम के छठे चरण का शुभारंभ किया है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, हरीथा हरम कार्यक्रम के छठे चरण के दौरान लगभग 30 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। ध्यातव्य है कि राज्य में  यह वृक्षारोपण कार्यक्रम बड़े पैमाने पर रोज़गार पैदा करने में भी मदद करेगा, क्योंकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत पौधे रोपने हेतु गड्ढे खोदने का कार्य दिया जाएगा। तेलंगाना का ‘हरीथा हरम’ कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम है, जिसके तहत राज्य में वृक्षों के क्षेत्र को 24 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ 3 जुलाई, 2015 को तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। आँकड़ों के अनुसार, राज्य भर में कुल 182 करोड़ पौधे लगाए गए हैं। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद है और इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 112,077 वर्ग किलोमीटर है। तेलंगाना में कुल 33 ज़िले हैं और इसकी जनसंख्या लगभग 350 लाख है। तेलंगाना का गठन एक भौगोलिक और राजनीतिक इकाई के रूप में 2 जून, 2014 को भारत के 29वें राज्य के रूप में किया गया था।

संयुक्त राष्ट्र का ‘गरीबी उन्मूलन गठबंधन’

भारत, संयुक्त राष्ट्र के गरीबी उन्मूलन गठबंधन (Alliance for Poverty Eradication) के संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल हो गया है। इस गठबंधन का लक्ष्य कोरोना वायरस (COVID-19) वैश्विक महामारी के पश्चात् वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के 74वें सत्र के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बंदे 30 जून को औपचारिक रूप से ‘गरीबी उन्मूलन गठबंधन’ की शुरुआत करेंगे। गठबंधन में संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल होते हुए भारत ने स्पष्ट किया कि केवल मौद्रिक मुआवज़े से गरीबी उन्मूलन संभव नहीं है, गरीबों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ जल, स्वच्छता, उचित आवास एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना भी काफी आवश्यक है। ध्यातव्य है कि गरीबी उन्मूलन के लिये आर्थिक असमानता एक बड़ी चुनौती के रूप में मौजूद है, एक अनुमान के मुताबिक विश्व की 60 प्रतिशत से अधिक धन-संपत्ति  मात्र 2,000 अरबपतियों के पास मौजूद है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow